Sawan 3rd Somwar: आज 28 जुलाई 2025 को सावन का तीसरा सोमवार है. सावन मास के प्रत्येक सोमवार का शिव आराधना में विशेष महत्व होता है, लेकिन तीसरे सोमवार को धर्मशास्त्रों और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली माना गया है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की भक्ति विशेष रूप से कालसर्प दोष, पितृदोष और अन्य ग्रहदोषों के निवारण में सहायक होती है. विशेष रूप से ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का उच्चारण इस दिन अकल्पनीय फल प्रदान करता है.
राहु-केतु के बीच ग्रहों की स्थिति कैसे बनाती है कालसर्प योग
कालसर्प दोष एक ऐसा खगोलीय योग है, जिसमें राहु और केतु के बीच सभी ग्रह आ जाने से जातक के जीवन में लगातार रुकावटें, मानसिक तनाव, करियर में बाधाएं और पारिवारिक कलह जैसी स्थितियां उत्पन्न होती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिव की आराधना ही इस योग को शांत करने का सर्वोत्तम उपाय है.
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तीसरे सोमवार को मंत्र जाप से मिलती है बाधा और दोषों से मुक्ति
तीसरे सोमवार को शिव-पार्वती के मिलन का शक्तिशाली योग भी बनता है. पुराणों के अनुसार, इसी दिन भगवान शिव ने नीलकंठ रूप में विषपान किया था और देवी पार्वती ने उनके लिए व्रत का संकल्प लिया था. इसलिए, इस विशेष दिन ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कर शिवलिंग का पूजन करने से भक्तों को बाधा, कष्ट और दोषों से मुक्ति मिलती है.
शिवलिंग पर अर्पित करें ये सारी चीजें
इस दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. घर या मंदिर में शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, बेलपत्र, भस्म और धतूरा चढ़ाएं. साथ ही रुद्राक्ष की माला से 108 बार ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करें.
शिव आराधना से शांत होते हैं राहु-केतु के दोष
जो लोग कालसर्प दोष से पीड़ित हैं, उनके लिए यह दिन अत्यंत लाभकारी होता है. व्रत रखकर, श्रद्धा से जाप करते हुए यदि शिव से क्षमा प्रार्थना की जाए, तो ग्रहों का दुष्प्रभाव भी समाप्त हो सकता है.
कालसर्प दोष से मुक्ति और शिव कृपा एक साथ
सावन का तीसरा सोमवार शिव कृपा प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर है. इस दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ के मंत्र से की गई उपासना न केवल कालसर्प दोष का निवारण करती है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करती है.