सावन मास का विशेष महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है. यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और हिंदू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का पाँचवां महीना होता है. सावन के दौरान शिवभक्त विशेष रूप से पूजा-अर्चना करते हैं, विशेषकर सोमवार के दिन, जिसे “सावन सोमवार” कहा जाता है और जो अत्यंत पुण्यदायक माना गया है. इस वर्ष सावन मास की शुरुआत आज 11 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 9 अगस्त को होगा. ऐसा विश्वास है कि इस पावन महीने में श्रद्धा से भगवान शिव की आराधना करने से सभी कष्टों का नाश होता है और भक्त को इच्छित फल की प्राप्ति होती है.
प्रथम श्रावण सोमवार व्रत
सावन माह का पहला सोमवार इस वर्ष 14 जुलाई को पड़ रहा है. इस दिन धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्रों का संयोग रहेगा, साथ ही आयुष्मान और सौभाग्य जैसे शुभ योग भी बनेंगे. इस पावन तिथि पर गजानन संकष्टी चतुर्थी भी होगी. ऐसे में भगवान शिव की आराधना और पूजन अत्यंत शुभ और फलदायी मानी जाती है.
पहले सोमवार की पावन बेला पर इन संदेशों से करें शुभारंभ
सावन सोमवार और भगवान शिव के अभिषेक का महत्व
सावन मास में विशेष रूप से सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा और अभिषेक के लिए सर्वोत्तम माना गया है. इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, शहद आदि से अभिषेक करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. साथ ही रुद्राष्टक, शिव पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी अत्यंत लाभकारी और मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है.
भगवान शिव की पूजा में उपयोग होने वाली सामग्री
भगवान शिव की पूजा के लिए जिन सामग्रियों का प्रयोग किया जाता है, उनमें प्रमुख हैं — पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, सोना, चांदी, दक्षिणा, पूजा के बर्तन, कुशासन, दही, शुद्ध देशी घी, शहद, गंगाजल, पवित्र जल, पंच रस, इत्र, गंध, रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्ठान्न, बिल्वपत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालियां, तुलसी दल, मंदार पुष्प, गाय का कच्चा दूध, ईख का रस, कपूर, धूप, दीप, रूई, मलयागिरी चंदन, तथा शिव एवं मां पार्वती की श्रृंगार सामग्री आदि.
सोमवारी व्रत के लाभ
सावन मास में भगवान शिव की पूजा और सोमवार व्रत का अत्यंत महत्व है, जिसका विस्तृत उल्लेख शिव पुराण में मिलता है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त पूरे सावन मास में श्रद्धा और नियमपूर्वक सोमवारी व्रत रखते हैं, उन पर भगवान शिव की विशेष कृपा बनी रहती है. यह व्रत जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है. इसके प्रभाव से ग्रहों की प्रतिकूलता दूर होती है, मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है.