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Shaniwar Ke Upay: शनिवार को करें ये तेल मंत्र, शनिदेव खोलेंगे किस्मत का खजाना

Shaniwar Ke Upay: शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और कृपा पाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है. यदि आपकी कुंडली में शनि दोष है, या जीवन में बार-बार रुकावटें, धन हानि, मानसिक तनाव या बीमारी हो रही है, तो यह उपाय आपके लिए बहुत लाभकारी हो सकता है. शास्त्रों के अनुसार, शनिवार की शाम सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनिदेव को अर्पित करने से उनके क्रोध को शांत किया जा सकता है और उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है. यह उपाय जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने में सहायक माना जाता है. आइए जानते हैं इस उपाय को करने का सही तरीका और इसके पीछे की धार्मिक मान्यता।

Shaniwar Ke Upay: शनिदेव को हिंदू धर्म में न्याय के देवता माना गया है. वे इंसान को उसके अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं. कई बार जीवन में बिना वजह परेशानियां, रुकावटें और नुकसान होने लगते हैं, तो इसके पीछे शनि की स्थिति ज़िम्मेदार हो सकती है. लेकिन अगर शनिदेव प्रसन्न हो जाएं, तो रुकती किस्मत भी दौड़ने लगती है. शनिवार का दिन खास तौर पर शनिदेव को समर्पित होता है और इस दिन कुछ खास उपायों से उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है. ऐसा ही एक आसान और प्रभावशाली उपाय है सरसों के तेल का दीपक जलाना, जिसे हम आज इस लेख में ‘तेल मंत्र’ कह रहे हैं.

सरसों के तेल का अचूक उपाय

शनिवार के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाना बहुत ही शुभ माना जाता है. खासकर शाम के समय पीपल के पेड़ के नीचे या शनि मंदिर में जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाएं. दीपक जलाते समय यह प्रार्थना करें कि शनिदेव आपके कष्टों को दूर करें और कृपा बनाए रखें. अगर संभव हो तो दीपक में काली उड़द की कुछ दाल और दो-तीन साबुत लौंग भी डाल दें. इससे उपाय का प्रभाव और बढ़ जाता है. ऐसा माना जाता है कि यह उपाय न सिर्फ शनि दोष को शांत करता है, बल्कि घर में नकारात्मक ऊर्जा को भी दूर करता है.

दीपक जलाने का सही तरीका

दीपक जलाने का सही तरीका बहुत जरूरी है ताकि इसका प्रभाव पूरी तरह मिले. सबसे पहले दीपक को साफ करें और उसमें शुद्ध सरसों का तेल डालें. रूई की बाती बनाकर उसे तेल में डुबोएं और फिर जलाएं. दीपक को दक्षिण दिशा की ओर रखें, क्योंकि यह दिशा शनिदेव की मानी जाती है. पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते समय सात बार परिक्रमा करना शुभ होता है. दीपक जलाते समय “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप करें. यह प्रक्रिया शनिवार को हर सप्ताह करने से शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है.

शनि दोष और सरसों का तेल

अगर किसी की कुंडली में शनि अशुभ भाव में बैठा हो या साढ़ेसाती, ढैय्या जैसे प्रभाव चल रहे हों, तो जीवन में संघर्ष, बीमारी, दुर्घटना या आर्थिक हानि की स्थिति बन सकती है. ऐसे में सरसों के तेल का दीपक शनिदेव को अर्पित करना बहुत ही लाभकारी होता है. यह उपाय शनि दोष को शांत करने के साथ-साथ मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा भी देता है. साथ ही, यह उपाय शनिदेव को आपके कर्मों की तरफ आकर्षित करता है, जिससे वे आपके जीवन में संतुलन और सफलता लाते हैं.

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