Shukra Pradosh Vrat 2025: शुक्र प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित त्योहार है, जिसे शुक्रवार को त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है. इस व्रत का पालन करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि, भाग्य और दांपत्य जीवन में मिठास प्राप्त होती है. व्रत की सफलता और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, विशेषकर आहार संबंधी नियमों का पालन करना. आइए जानें शुक्र प्रदोष व्रत कब है और इस दिन किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए
शुक्र प्रदोष व्रत की तिथि
अप्रैल महीने का यह दूसरा और वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत है, जो वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा. पंचांग के अनुसार, यह तिथि 25 अप्रैल, शुक्रवार को सुबह 11:44 बजे से आरंभ होकर 26 अप्रैल, शनिवार को सुबह 8:27 बजे तक चलेगी. इस प्रकार, वैशाख माह का पहला प्रदोष व्रत 25 अप्रैल, शुक्रवार को आयोजित किया जाएगा.
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शुक्र प्रदोष व्रत के दिन निम्नलिखित चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए:
- तामसिक भोजन: इस दिन मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन जैसे तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित है. ये पदार्थ शरीर में आलस्य और नकारात्मकता को बढ़ाते हैं, जो व्रत की पवित्रता को प्रभावित कर सकते हैं.
- चावल: प्रदोष व्रत के दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसे व्रत के नियमों के खिलाफ माना जाता है.
- लाल मिर्च और सामान्य नमक: इस दिन लाल मिर्च और सामान्य नमक का सेवन करना मना है. यदि आवश्यकता हो, तो सेंधा नमक का उपयोग करें.
- खट्टी चीजें: खट्टे फल, दही, इमली आदि का सेवन इस दिन निषिद्ध है, विशेषकर यदि आप संतोषी माता का व्रत कर रहे हैं.
- मदिरा और नशीले पदार्थ: शुक्र प्रदोष व्रत के दिन शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन पूरी तरह से निषिद्ध है. यह व्रत की पवित्रता को प्रभावित करता है और भगवान शिव की नाराजगी का कारण बन सकता है.
- प्रदोष काल में भोजन: प्रदोष काल, जो सूर्यास्त के बाद का समय होता है, में भोजन करना मना है. इस समय केवल पूजा और ध्यान में संलग्न रहना चाहिए.