Shukra Pradosh Vrat May 2025: आज 9 मई को वैशाख माह का शुक्र प्रदोष मनाया जा रहा है. मई का शुक्र प्रदोष वज्र योग, रवि योग और हस्त नक्षत्र में है. इस दिन व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की पूजा की जाती है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है. इस बार शुक्र प्रदोष के अवसर पर रुद्राभिषेक का विशेष संयोग बन रहा है. रुद्राभिषेक उसी दिन किया जाता है, जब शिव का वास होता है. शिव वास के बिना रुद्राभिषेक संभव नहीं है. शिव वास के दौरान यह देखना भी आवश्यक है कि उस दिन शिव का वास किस स्थान पर, किसके साथ या किस अवस्था में है. यहां से हम शुक्र प्रदोष पर रुद्राभिषेक के मुहूर्त के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं.
शुक्र प्रदोष व्रत 2025 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल त्रयोदशी तिथि 9 मई को दोपहर 2:55 बजे प्रारंभ होगी और 10 मई को शाम 5:28 बजे समाप्त होगी. प्रदोष काल के अनुसार, व्रत 9 मई, शुक्रवार को रखा जा रहा है.
शुक्र प्रदोष व्रत का महत्व
शुक्र प्रदोष व्रत, जिसे शुक्रवार के प्रदोष के नाम से जाना जाता है, का पालन करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख समाप्त हो जाते हैं. इस व्रत के द्वारा घर में समृद्धि आती है और शत्रुओं का नाश होता है. प्राचीन कथाओं के अनुसार, एक बार चंद्रदेव क्षय रोग से ग्रसित हुए और उन्होंने भगवान शिव की पूजा की राहत के लिए. शिव के आशीर्वाद से उनके सभी कष्ट समाप्त हो गए. इसी प्रकार, यह माना जाता है कि जो लोग प्रदोष व्रत का पालन करते हैं, वे दुखों से मुक्त हो जाते हैं और उन्हें ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है.
यहां से जानें मई शुक्र प्रदोष 2025 रुद्राभिषेक का समय
प्रदोष व्रत, चतुर्दशी अर्थात शिवरात्रि के दिन और सावन माह में सभी दिनों में शिव का निवास होता है. इस कारण इन दिनों रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है. इस वर्ष मई के शुक्र प्रदोष पर शिव का निवास कैलाश पर प्रात: से लेकर दोपहर 2 बजकर 56 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शिव का निवास उनके प्रिय वाहन नंदी पर होगा. जब शिव का निवास नंदी और कैलाश पर होता है, तो इसे शुभ फलदायी माना जाता है. इस शिव निवास में रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति का कल्याण होता है.