Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोईघर केवल भोजन पकाने की जगह नहीं, बल्कि यह घर की समृद्धि, स्वास्थ्य और ऊर्जा का केंद्र होता है. रसोई में होने वाली छोटी-छोटी घटनाएं भी परिवार के वातावरण पर सकारात्मक या नकारात्मक असर डाल सकती हैं. खासकर जब कुछ वस्तुएं बार-बार गिरती हैं, तो इसे वास्तु में अशुभ संकेत माना गया है. आइए जानें किन चीजों का गिरना शुभ नहीं माना जाता और इसके पीछे के संकेत क्या हैं—
दूध का गिरना
दूध को समृद्धि और शांत ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यदि रसोई में दूध बार-बार गिरता है या उबलकर बह जाता है, तो यह आर्थिक हानि, कलह या मानसिक तनाव का सूचक हो सकता है. यह परिवार में असंतुलन का संकेत देता है.
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नमक का गिरना
वास्तु शास्त्र के अनुसार नमक रिश्तों की मिठास और संतुलन का प्रतीक है. अगर किचन में नमक गिरता है, तो यह संबंधों में तनाव, मनमुटाव या वैचारिक टकराव की संभावना को दर्शा सकता है.
चावल का गिरना
चावल को देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. यदि चावल अक्सर गिरते हैं या बिखरते हैं, तो यह धन की कमी या लक्ष्मी की कृपा में बाधा का संकेत हो सकता है.
मसालों का गिरना
हल्दी, मिर्च, धनिया जैसे मसाले रसोई की ऊर्जा को नियंत्रित करते हैं. इनका बार-बार गिरना घर के सदस्यों के स्वास्थ्य, क्रोध, या मानसिक बेचैनी की ओर संकेत करता है.
बर्तन या कांच का टूटना
बार-बार बर्तन या कांच के टूटने की घटनाएं वास्तु के अनुसार नकारात्मक ऊर्जा, ग्रहदोष या आने वाली कठिनाइयों का संकेत हो सकती हैं. यह राहु-शनि की अशुभता से भी जुड़ा हो सकता है.
क्या करें उपाय?
- रसोई को रोज साफ और व्यवस्थित रखें.
- सप्ताह में एक बार गंगाजल या गौमूत्र का छिड़काव करें.
- मां अन्नपूर्णा या देवी लक्ष्मी का ध्यान करके दीपक जलाएं.
- रसोई में तुलसी का पौधा या उसका चित्र लगाना भी शुभ माना जाता है.
किचन में होने वाली साधारण सी घटनाएं भी जीवन के कई पक्षों को प्रभावित कर सकती हैं. वास्तु शास्त्र हमें इन्हें समझने और संतुलित करने की दिशा दिखाता है, जिससे घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहे.