23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Vastu Tips: दक्षिणमुखी घर को क्यों माना जाता है अशुभ, जानें वास्तु शास्त्र की मान्यताएं और समाधान

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का अपना एक विशेष महत्व होता है. दक्षिण दिशा को यम यानी मृत्यु के देवता की दिशा माना गया है, जिससे लोग दक्षिणमुखी घरों से कतराते हैं. यह भी माना जाता है कि इस दिशा में ऊर्जा का असंतुलन हो सकता है, जो घर में मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां और पारिवारिक कलह ला सकता है. हालांकि, यह पूरी तरह सच नहीं है. सही वास्तु उपायों और प्लानिंग के साथ दक्षिणमुखी घर को भी सकारात्मक और सुखद बनाया जा सकता है.

Vastu Tips: भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. घर बनाते समय दिशाओं और ऊर्जा प्रवाह का संतुलन बेहद जरूरी माना जाता है. इसी वजह से अक्सर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि दक्षिणमुखी घर अशुभ होते हैं. लेकिन क्या यह धारणा पूरी तरह सही है? क्या हर दक्षिणमुखी घर दुर्भाग्य ही लाता है? आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि दक्षिणमुखी घर को लेकर वास्तु शास्त्र क्या कहता है और इससे जुड़ी मान्यताएं व समाधान क्या हैं.

ऊर्जा का असंतुलन

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा में गर्म और तीव्र ऊर्जा का प्रवाह होता है. अगर इसका संतुलन न बनाया जाए, तो यह ऊर्जा नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है. इस दिशा में सूर्य की सीधी रोशनी कम समय के लिए आती है, जिससे घर में अंधेरा, नीरसता और आलस्य बना रह सकता है. इससे घर के सदस्यों में चिड़चिड़ापन, थकान या मानसिक तनाव जैसे लक्षण दिख सकते हैं. ऐसे घरों में प्राकृतिक ऊर्जा का प्रवाह बाधित हो जाता है, जो जीवन में असंतुलन पैदा कर सकता है.

धन-संपत्ति पर प्रभाव

दक्षिणमुखी घरों को लेकर यह भी मान्यता है कि इनमें धन टिकता नहीं है. अगर घर का मुख्य द्वार वास्तु नियमों के अनुसार न हो, तो इससे व्यवसाय में रुकावट, बार-बार होने वाले खर्चे और आर्थिक नुकसान की संभावना बढ़ जाती है. दक्षिण दिशा की गलत प्लानिंग धन के आगमन को रोक सकती है. कई बार देखा गया है कि ऐसे घरों में बिना वजह खर्चे बढ़ जाते हैं या पैसे की बचत नहीं हो पाती.

परंपरागत मान्यता और मानसिक प्रभाव

समाज में लंबे समय से यह मान्यता चली आ रही है कि दक्षिणमुखी घर अशुभ होते हैं. यही सोच लोगों के मन में डर और असमंजस पैदा कर देती है. जब किसी घर को पहले से ही अशुभ मान लिया जाए, तो व्यक्ति मानसिक रूप से चिंतित रहता है और हर परेशानी का कारण घर को मानने लगता है. इससे घर के वातावरण में तनाव बढ़ता है और परिवार के सदस्यों के बीच अनजाने में ही दूरी आ जाती है.

क्या दक्षिणमुखी घर हमेशा अशुभ होता है?

इस सवाल का जवाब है नहीं. दक्षिणमुखी घर हमेशा अशुभ नहीं होते. वास्तु शास्त्र किसी भी दिशा को पूरी तरह बुरा नहीं मानता, बल्कि यह कहता है कि हर दिशा का सही उपयोग किया जाए. अगर दक्षिणमुखी घर को वास्तु नियमों के अनुसार डिजाइन किया जाए, तो यह भी बहुत शुभ और उन्नतिदायक हो सकता है. उदाहरण के लिए, घर का मुख्य द्वार दक्षिण-पूर्व (दक्षिण-अग्नि कोण) में होना चाहिए, उत्तर या ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) को साफ और खुला रखें, दक्षिण की दीवारें भारी और ऊंची हों, जबकि उत्तर की दीवारें हल्की रहें. साथ ही घर में तुलसी का पौधा, वास्तु यंत्र और दर्पण का सही प्रयोग करें. नियमित रूप से दीपक जलाएं, हवन करें और मंत्र जाप से सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें.

यह भी पढ़े: Shukra Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत पर पाएं शिवजी की कृपा! जानिए सरल और चमत्कारी पूजन विधि

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel