Vastu Upay: वास्तु शास्त्र के अनुसार घर या कार्यस्थल में दिशाओं की अनदेखी या रचनात्मक दोष नकारात्मक ऊर्जा और जीवन में असंतुलन का कारण बनते हैं. जैसे दक्षिणमुखी दरवाजे, गलत दिशा में रसोई या शौचालय. लेकिन हर किसी के लिए निर्माण में बदलाव कर पाना संभव नहीं होता. ऐसे में कुछ आसान उपायों को अपनाकर बिना किसी तोड़फोड़ के वास्तु दोष को कम किया जा सकता है.
समुद्री नमक से करें ऊर्जा शुद्धि
सप्ताह में एक बार एक कटोरी में समुद्री नमक भरकर घर के कोनों या बाथरूम में रखें. यह नकारात्मक ऊर्जा को खींचता है. हर शनिवार इसे बदलना चाहिए.
Masik Durga Ashtami पर आज लौंग से करें मां दुर्गा का पूजन, दूर होंगे नजर दोष और दुर्भाग्य
पिरामिड लगाएं वास्तु दोष वाली दिशा में
तांबे या पीतल से बना पिरामिड ऊर्जा संतुलन में सहायक होता है. इसे दोषग्रस्त दीवार या स्थान पर लगाने से सकारात्मक प्रभाव मिलता है.
उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) को रखें खाली और स्वच्छ
यह दिशा आध्यात्मिकता और ऊर्जा का केंद्र मानी जाती है. यहां गंदगी या भारी वस्तुएं रखने से ऊर्जा अवरुद्ध होती है. इसे हमेशा साफ और हल्का रखें.
लगाएं पवित्र पौधे
तुलसी, एलोवेरा या मनीप्लांट जैसे पौधे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं. इन्हें पूर्व या वायव्य दिशा में लगाना विशेष फलदायी होता है.
प्रयोग करें वास्तु दोष निवारण यंत्र और मंत्र
मुख्य द्वार पर वास्तु यंत्र लगाएं और प्रतिदिन “ॐ वास्तोष्पतये नमः” मंत्र का जप करें. इससे दोषों का प्रभाव कम होता है.
गंगाजल और धूप का नियमित प्रयोग
हर सुबह गंगाजल का छिड़काव और दोषयुक्त स्थानों पर धूप-दीप दिखाना वातावरण को शुद्ध करता है.
यदि आप घर में वास्तु दोष से परेशान हैं लेकिन दीवारें तोड़ना संभव नहीं है, तो ये आसान उपाय अपनाकर जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं. वास्तु केवल दिशाओं का ज्ञान नहीं, बल्कि ऊर्जा संतुलन की एक वैज्ञानिक विधा है – जिसे समझकर ही लाभ उठाया जा सकता है.