23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Vat Savitri Vrat 2025 के कुछ खास नियम, व्रत रखते वक्त महिलाएं रखें याद

Vat Savitri Vrat 2025 : यदि इस व्रत के नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए, तो यह व्रत नारी को मानसिक बल, आत्मिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति कराता है.

Vat Savitri Vrat 2025 : वट सावित्री व्रत हिंदू धर्म में विवाहित महिलाओं के लिए एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा हुआ व्रत है. यह व्रत ज्येष्ठ मास की अमावस्या को रखा जाता है. मान्यता है कि इस दिन माता सावित्री ने यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी. उसी प्रतीक रूप में महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए वटवृक्ष की पूजा करती हैं. इस व्रत को करते समय कुछ खास नियमों का पालन करना आवश्यक होता है, जिससे व्रत की पूर्णता और फल प्राप्त हो सके :-

Freepik The Style Is Candid Image Photography With Natural 70995
Vat savitri vrat 2025 के कुछ खास नियम, व्रत रखते वक्त महिलाएं रखें याद 3

– व्रत से एक दिन पहले रखें सात्त्विक आहार

वट सावित्री व्रत से एक दिन पहले महिलाओं को सात्त्विक भोजन करना चाहिए और मानसिक रूप से संयमित रहना चाहिए. इस दिन तामसिक भोजन, लहसुन-प्याज और मांसाहार से परहेज करना चाहिए ताकि शरीर और मन दोनों शुद्ध रहें.

– प्रातः काल सूर्योदय से पूर्व स्नान कर व्रत का संकल्प लें

व्रत वाले दिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें—“मैं पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए वट सावित्री व्रत रख रही हूं” यह संकल्प श्रद्धा और भावपूर्ण मन से लेना चाहिए.

– वटवृक्ष की पूजा विधिपूर्वक करें

वटवृक्ष (बरगद के पेड़) के नीचे जाकर पूजा करना इस व्रत का सबसे महत्वपूर्ण भाग है. महिलाएं वटवृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा (सूत) लपेटते हुए सात या 21 परिक्रमा करती हैं. साथ ही हल्दी, कुमकुम, फूल, जल, चावल, भीगा हुआ चना, फल आदि अर्पित करें. सावित्री-सत्यवान की कथा सुनना भी आवश्यक होता है.

– पूरे दिन निराहार या फलाहार व्रत रखें

इस दिन महिलाएं पूरे दिन उपवास रखती हैं, कुछ महिलाएं निर्जल व्रत भी करती हैं. यदि स्वास्थ्य ठीक न हो, तो फलाहार कर सकती हैं, लेकिन मन में अन्न ग्रहण न करने का संकल्प अवश्य होना चाहिए. इस व्रत में संयम और श्रद्धा सबसे महत्वपूर्ण माने गए हैं.

– संध्या के समय व्रत का पारण करें और आशीर्वाद लें

शाम के समय पूजा संपन्न करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. वृद्ध स्त्रियों और पति के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेना चाहिए. यह व्रत केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि भारतीय नारी की श्रद्धा, शक्ति और संकल्प का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें : Shash Raj Yog: कुंडली में शश राजयोग का राज, शनि की कृपा से भरता है खजाना

यह भी पढ़ें : Astro Tips : मनचाहा जीवनसाथी पाने में आ रही है देरी? करें ये सरल उपाय

यह भी पढ़ें : Swapna Shastra : सपने में होती है असाधारण गतिविधि, जानें क्या होता है इसका प्रभाव

वट सावित्री व्रत केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पति-पत्नी के प्रेम, समर्पण और नारी शक्ति का आदर्श उदाहरण है. यदि इस व्रत के नियमों का सही ढंग से पालन किया जाए, तो यह व्रत नारी को मानसिक बल, आत्मिक शांति और पारिवारिक सुख की प्राप्ति कराता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel