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Yogini Ekadashi 2025 पर न करें ये गलतियां, बरतें सावधानी

Yogini Ekadashi 2025 : योगिनी एकादशी 2025 का व्रत आपके जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक उन्नति लाए, इसके लिए उपरोक्त गलतियों से अवश्य बचें. यह दिन केवल पूजा का ही नहीं, बल्कि आत्ममंथन और ईश्वर के प्रति समर्पण का भी है.

Yogini Ekadashi 2025 : योगिनी एकादशी हिन्दू धर्म की एक अत्यंत महत्वपूर्ण और पुण्यदायी तिथि है. यह आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और श्रीहरि विष्णु की उपासना करने से सारे पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. लेकिन कई बार श्रद्धालु अनजाने में कुछ ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो व्रत के पुण्य को प्रभावित कर सकती हैं. आइए जानते हैं ऐसी गलतियां जो योगिनी एकादशी पर बिल्कुल नहीं करनी चाहिए:-

– व्रत नियमों का उल्लंघन न करें

योगिनी एकादशी व्रत में अत्यंत कठोर नियमों का पालन करना आवश्यक होता है. कुछ लोग व्रत रखकर भी दिनभर सोते रहते हैं, टी.वी. देखते हैं या दुनियावी कामों में लिप्त रहते हैं. ऐसा करना व्रत के पुण्य को निष्फल कर देता है. इस दिन संयम, साधना, उपवास, जप और सत्संग में समय बिताना चाहिए.

– अनाज और तामसिक भोजन का सेवन न करें

एकादशी व्रत में चावल, गेहूं, दालें, प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा आदि तामसिक व निषिद्ध वस्तुओं का सेवन पूर्णत: वर्जित है. भले ही आप उपवास न रखें, परंतु इन चीजों से दूर रहें. यह दिन सात्विक आहार जैसे फल, दूध, सूखे मेवे आदि के लिए ही उपयुक्त माना जाता है.

– देर रात तक जागरण या मोबाइल में समय बिताना

कुछ लोग इस पावन तिथि को भी सामान्य दिन की तरह बिताते हैं – देर रात तक सोशल मीडिया, चैटिंग या फिल्में देखने में लगे रहते हैं. जबकि शास्त्रों के अनुसार इस दिन रात्रि जागरण श्रीहरि विष्णु के भजन, कीर्तन और ध्यान में किया जाना चाहिए. व्यर्थ की बातों में समय बिताना पुण्य को कम करता है.

– व्रत को बोझ न समझें, श्रद्धा से करें

कई लोग व्रत को एक जबरन की रस्म मानते हैं. वे शरीर से तो व्रत रखते हैं लेकिन मन बार-बार खाने या विश्राम की ओर भागता है. याद रखें कि एकादशी व्रत केवल शरीर का नहीं, मन और आत्मा का भी व्रत होता है. इसे पूरी श्रद्धा, आस्था और समर्पण से करें.

– दान-पुण्य और सेवा से पीछे न हटें

योगिनी एकादशी के दिन यदि संभव हो तो जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान अवश्य करें. कई लोग केवल अपने व्रत और पूजा तक सीमित रहते हैं और सेवा की भावना को भूल जाते हैं. लेकिन शास्त्रों में कहा गया है कि व्रत के साथ सेवा और दान करने से ही पूर्ण फल प्राप्त होता है.

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योगिनी एकादशी 2025 का व्रत आपके जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिक उन्नति लाए, इसके लिए उपरोक्त गलतियों से अवश्य बचें. यह दिन केवल पूजा का ही नहीं, बल्कि आत्ममंथन और ईश्वर के प्रति समर्पण का भी है. नियम, संयम और श्रद्धा से किया गया व्रत ही वास्तविक फलदायी होता है.

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