Dukes Ball: इंग्लैंड और भारत के बीच जारी टेस्ट सीरीज में ड्यूक्स गेंद को लेकर खिलाड़ियों की नाराजगी सामने आ चुकी है. टेस्ट सीरीज के पहले तीन मुकाबलों में गेंद जल्दी नरम और आउट ऑफ शेप हो रही है, जिससे दोनों टीमों के खिलाड़ी परेशान हैं. यह वही गेंद है जो अपनी लंबी उम्र और शानदार स्विंग के लिए मशहूर रही है. जबकि इन मैचों में कई बार बदली जा चुकी है. बल्लेबाजों ने बल्लेबाजी के अनुकूल पिचों पर इस पर कड़ा प्रहार किया है, जिससे यह बार-बार बाउंड्री के पार भी गई है, जिससे गेंद जल्दी खराब हो रही है. टेस्ट क्रिकेट में आमतौर पर 80 ओवर के बाद नई गेंद दी जाती है, लेकिन इस सीरीज में 10 ओवर पुरानी गेंद भी आकार बिगड़ने के चलते बदली जा चुकी है. ड्यूक्स ब्रांड के मालिक दिलीप जाजोदिया ने इसे सुधारने की बात कही है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि वह गेंद को बहुत सख्त कोर के साथ बना सकते हैं, लेकिन इससे बल्ले और उंगलियां टूट जाएंगी.
ड्यूक्स ने दावा किया है कि वे गेंदों को उच्चतम मानकों के अनुसार बनाते हैं, लेकिन उनके पास कच्चे माल पर पूरा नियंत्रण नहीं होता. साल 2022 में कोविड महामारी के दौरान, चमड़े की गुणवत्ता और केमिकल ट्रीटमेंट में गड़बड़ी के चलते गेंदों की गुणवत्ता प्रभावित हुई थी. कंपनी अब हर प्रक्रिया की गहराई से समीक्षा कर रही है. दिलीप जाजोदिया ने विजडन से बातचीत में कहा कि क्रिकेट गेंदों की बुनियादी बात यह है कि उनके कच्चे माल प्राकृतिक होते हैं, जिनमें गाय की खाल, कॉर्क, रबर, ऊन और धागा शामिल हैं. यह एक जीवंत वस्तु की तरह होती है. जाजोदिया ने आगे कहा, “अगर मैं चाहूं तो गेंद के अंदर पत्थर जैसा ठोस कोर डाल सकता हूं, जिससे समस्या खत्म हो जाएगी. लेकिन तब क्रिकेट का मजा खत्म हो जाएगा. इससे बल्ले और उंगलियां टूटेंगी.”

लॉर्ड्स टेस्ट के दूसरे दिन, भारत ने 10 ओवर पुरानी गेंद को लेकर शिकायत की, जिसे अंपायर गेज टेस्ट के जरिए जांच रहे थे. गेंद रिंग से नहीं गुजरी, जिससे उसके आकार में गड़बड़ी पाई गई. कप्तान शुभमन गिल अंपायर से नाराजगी जाहिर करते नजर आए. ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान भी गिल अंपायर से बहस करते दिखे. तीसरे दिन भी, गेंद बदली गई और प्रक्रिया में सात मिनट से ज्यादा का समय लग गया, जिससे खेल में बाधा आई.
इंग्लैंड के बल्लेबाज जो रूट ने सुझाव दिया कि दोनों टीमों को 80 ओवर में तीन बार गेंद की जांच की अपील करने का अधिकार दिया जाए. उन्होंने कहा, “हर बार गेंद बदलने की अनुमति नहीं होनी चाहिए. अगर रिंग्स का आकार सही रहे और एक सीमित चुनौती की व्यवस्था हो, तो ये समाधान हो सकता है.” पूर्व तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने ड्यूक्स की आलोचना करते हुए लिखा, “गेंद को लेकर इतनी चर्चा हो रही है, ये स्वीकार्य नहीं है. हर पारी में गेंद बदली जा रही है. ड्यूक्स को इस समस्या का समाधान करना होगा. गेंद को 80 ओवर चलना चाहिए, न कि 10.”

तीसरे टेस्ट से पहले, भारत के उपकप्तान ऋषभ पंत ने कहा था, “गेंद का बार-बार आउट ऑफ शेप होना क्रिकेट के लिए अच्छा नहीं है. जब गेंद बदलती है तो वह अलग तरह से स्विंग करती है, जिससे बल्लेबाजों को बार-बार एडजस्ट करना पड़ता है.” वहीं इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने भी कहा, “जब भी विदेशी टीमें इंग्लैंड आती हैं, गेंद के सॉफ्ट और आउट ऑफ शेप होने की समस्या सामने आती है. शायद जो गेज इस्तेमाल होते हैं, वो ड्यूक्स के नहीं हैं. ये आदर्श स्थिति नहीं है, लेकिन हमें इसके साथ ही खेलना होगा.”
ड्यूक गेंद का इस्तेमाल केवल इंग्लैंड में होता है, बावजूद इसके वह अपने कंडीशंस में बेहतर परफॉर्म नहीं कर रही है. हालांकि लॉर्ड्स में गेंद को लेकर इस तरह की ज्यादा शिकायत नहीं आई. लेकिन गेंद पर चर्चाएं नहीं रुक रहीं. ड्यूक्स अब गेंद में सुधार लाने के लिए प्रयासरत है.
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