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चैंपियंस ट्रॉफी में सेमीफाइनल हारने वाली टीम भी हो जाएगी मालामाल, आईसीसी देगा 4.85 करोड़ रुपये

ICC Champions Trophy Prize Money: चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की पुरस्कार राशि का वितरण टीमों के प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा, जिससे प्रतिस्पर्धा का स्तर बढ़ेगा और टीमों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रेरणा मिलेगी. विजेता और उपविजेता टीमों के लिए निर्धारित आकर्षक इनाम राशि न केवल खिलाड़ियों के लिए वित्तीय लाभ प्रदान करेगी, बल्कि क्रिकेट के विकास और लोकप्रियता में भी योगदान देगी.

ICC Champions Trophy Prize Money: भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का सेमीफाइनल मैच खेल रहा है. इस टूर्नामेंट का फाइनल मैच रविवार 9 मार्च 2025 को खेला जाएगा. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट जीतने वाली टीम को कितना पैसा मिलेगा? अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए पुरस्कार राशि का ऐलान कर दिया है. इसमें विजेता और उपविजेता टीमों के लिए आकर्षक इनाम राशि निर्धारित की गई है. टूर्नामेंट का कुल पुरस्कार पूल 6.9 मिलियन डॉलर यानी करीब 59 करोड़ रुपये है, जो 2017 में खेले गए टूर्नामेंट के मुकाबले करीब 53% अधिक है.

विजेता टीम की पुरस्कार राशि

अंग्रेजी के अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की विजेता टीम को 2.24 मिलियन डॉलर यानी करीब 19.45 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी. यह राशि टीम के उत्कृष्ट प्रदर्शन और टूर्नामेंट में टॉप स्थान हासिल करने के लिए प्रदान की जाएगी. यह पुरस्कार राशि खिलाड़ियों और संबंधित क्रिकेट बोर्ड के लिए महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता होगी, जिससे वे अपनी क्रिकेट संरचना और विकास कार्यक्रमों में निवेश कर सकेंगे.

उपविजेता टीम की पुरस्कार राशि

रिपोर्ट में कहा गया है कि उपविजेता टीम को 1.12 मिलियन डॉलर यानी करीब 9.72 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी. हालांकि, टीम फाइनल में जीत हासिल नहीं कर पाई, लेकिन टूर्नामेंट में उनके प्रदर्शन को मान्यता देने के लिए यह राशि दी जाएगी. यह पुरस्कार राशि खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने और भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करने में सहायक होगी.

सेमीफाइनल में हारने वाली टीमें

ईएसपीएन क्रिकइन्फो की एक रिपोर्ट के अनुसार, आईसीसी सेमीफाइन मे हारने वाली टीम को भी पैसा देता है. सेमीफाइनल में हारने वाली प्रत्येक टीम को 560,000 डॉलर यानी करीब 4.85 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राशि टीमों के सेमीफाइनल तक पहुंचने के प्रयासों की सराहना के रूप में दी जाएगी. यह वित्तीय सहायता टीमों को अपनी तैयारियों में सुधार करने और आगामी टूर्नामेंटों में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करेगी.

ग्रुप स्टेज में प्रदर्शन के आधार पर पुरस्कार राशि

ग्रुप स्टेज में टीमों के प्रदर्शन के आधार पर भी पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी. 5वें और छठे स्थान पर रहने वाली टीमों को 350,000 डॉलर यानी करीब 2.85 करोड़ रुपये मिलेंगे, जबकि 7वें और 8वें स्थान पर रहने वाली टीमों को 140,000 डॉलर यानी करीब 1.14 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी. इसके अलावा, प्रत्येक ग्रुप मैच जीतने पर टीमों को 34,000 डॉलर यानी करीब 29 लाख रुपये का अतिरिक्त बोनस मिलेगा, जो टीमों को हर मैच में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा.

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पुरस्कार राशि में 53% की बढ़ोतरी

आईसीसी क्रिकेट डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में खेले गए आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी टूर्नामेंट के मुकाबले 2025 में पुरस्कार राशि में 53% की बढ़ोतरी की गई. यह बढ़ोतरी आईसीसी की ओर से क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने और खिलाड़ियों एवं टीमों को प्रोत्साहित करने के प्रयासों को दर्शाती है. बढ़ी हुई पुरस्कार राशि से टीमों को अपनी सुविधाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और युवा प्रतिभाओं के विकास में निवेश करने में मदद मिलेगी.

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KumarVishwat Sen
KumarVishwat Sen
कुमार विश्वत सेन प्रभात खबर डिजिटल में डेप्यूटी चीफ कंटेंट राइटर हैं. इनके पास हिंदी पत्रकारिता का 25 साल से अधिक का अनुभव है. इन्होंने 21वीं सदी की शुरुआत से ही हिंदी पत्रकारिता में कदम रखा. दिल्ली विश्वविद्यालय से हिंदी पत्रकारिता का कोर्स करने के बाद दिल्ली के दैनिक हिंदुस्तान से रिपोर्टिंग की शुरुआत की. इसके बाद वे दिल्ली में लगातार 12 सालों तक रिपोर्टिंग की. इस दौरान उन्होंने दिल्ली से प्रकाशित दैनिक हिंदुस्तान दैनिक जागरण, देशबंधु जैसे प्रतिष्ठित अखबारों के साथ कई साप्ताहिक अखबारों के लिए भी रिपोर्टिंग की. 2013 में वे प्रभात खबर आए. तब से वे प्रिंट मीडिया के साथ फिलहाल पिछले 10 सालों से प्रभात खबर डिजिटल में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इन्होंने अपने करियर के शुरुआती दिनों में ही राजस्थान में होने वाली हिंदी पत्रकारिता के 300 साल के इतिहास पर एक पुस्तक 'नित नए आयाम की खोज: राजस्थानी पत्रकारिता' की रचना की. इनकी कई कहानियां देश के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं.

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