Shikhar Dhawan: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर शिखर धवन ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया है और अब वे विभिन्न टी20 लीग्स में खेलते हुए नजर आते हैं. मैदान पर अपने आक्रामक अंदाज और विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने वाले इस क्रिकेटर के लिए आज का सबसे कठिन मुकाबला निजी जीवन से जुड़ा है. अपने बेटे जोरावर से दूर रहने का दर्द. शारीरिक रूप से मजबूत दिखने वाले धवन, इस जुदाई से बेहद भावुक हो जाते हैं और बस उम्मीद करते हैं कि एक दिन वह अपने बेटे से मिलेंगे और उसे गले लगा सकेंगे. 39 वर्षीय धवन को अक्टूबर 2023 में अपनी पूर्व पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक मिल गया, लेकिन इस दौरान उन्होंने अपने बेटे की कस्टडी खो दी. हालांकि उन्हें मिलने-जुलने का अधिकार और वीडियो कॉल के ज़रिए संपर्क की अनुमति मिली थी, लेकिन वे अब जोरावर से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
बेटे से मिलने पर क्या करेंगे?
हाल ही में धवन का एक इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वे अपने बेटे जोरावर के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए. इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि अगर वह अपने बेटे से मिलते हैं तो उसे अपनी कौन सी पारी दिखाना चाहेंगे, तो उन्होंने भावुक होकर जवाब दिया, “सबसे पहले, मैं उसे गले लगाऊंगा, उसके साथ समय बिताऊंगा और उसकी बातें सुनूंगा. मेरे दिमाग में कभी नहीं आया कि मैं उसे अपनी कौन सी पारी दिखाऊं. शायद, मैं बस उसके साथ बैठकर रोऊंगा.”
बेटे से अलगाव का दर्द
धवन ने बताया कि वह अपने बेटे को देखे बिना दो साल और उससे बात किए बिना एक साल गुज़र चुका है. उन्होंने कहा, “मैं हर जगह से ब्लॉक हूं, लेकिन फिर भी मैं उससे आध्यात्मिक रूप से जुड़ा रहता हूं. मैं महसूस करता हूं कि मैं हर दिन उससे बात कर रहा हूं, उसे गले लगा रहा हूं. यह मेरे लिए बेहद कठिन है, मैं उसे बहुत मिस करता हूं. वह अब 11 साल का हो चुका है, लेकिन मैंने उसके साथ सिर्फ ढाई साल ही बिताए हैं.”
सबसे जरूरी है बेटे की खुशी
धवन का मानना है कि उदासी से कोई हल नहीं निकलता और वह चाहते हैं कि उनका बेटा जहां भी रहे, खुश और स्वस्थ रहे. उन्होंने आगे कहा, “मुझे उसे वापस भी लाना है, लेकिन सिर्फ दुखी होने से कुछ नहीं होगा. जब मैंने शादी की थी, तो मेरी पत्नी की पहले से दो बेटियां थीं, जिन्हें मैंने अपनाया था, लेकिन वे कभी भारत नहीं आईं. अब जब मैं अपनी पत्नी से अलग हो चुका हूं, तो परिस्थितियां बदल गई हैं.”
धवन ने यह भी खुलासा किया कि वह अभी भी जोरावर को संदेश भेजते रहते हैं, भले ही उन्हें हर जगह से ब्लॉक कर दिया गया हो. उन्होंने कहा, “मैं अभी भी उसे हर तीन-चार दिन में मैसेज करता हूं, भले ही मुझे ब्लॉक कर दिया गया हो. मुझे उम्मीद नहीं है कि वह उन्हें पढ़ेगा, लेकिन उन तक पहुंचना मेरा कर्तव्य है. मैं यह करता रहूंगा मैं उसे याद दिलाता रहूं कि मैं हमेशा उसके साथ हूं.” शिखर धवन ने क्रिकेट के मैदान पर कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन उनकी निजी ज़िंदगी का यह संघर्ष उनके लिए सबसे कठिन है. क्रिकेट के मैदान में उनका आत्मविश्वास और अटूट हौसला भले ही उन्हें एक शानदार खिलाड़ी बनाता हो, लेकिन एक पिता के रूप में अपने बेटे से दूर रहना उनके लिए सबसे बड़ा दर्द है.
धवन अपनी सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रहे हैं, इस उम्मीद में कि एक दिन वह अपने बेटे से मिलेंगे और उसे फिर से गले लगा सकेंगे. 2024 में धवन ने अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की. अपने करियर में उन्होंने भारत के लिए सभी प्रारूपों में 10,000 से अधिक रन बनाए और भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई.
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