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जानें कौन है Shamar Joseph? जिसने गाबा में तोड़ा ऑस्ट्रेलियाई टीम का घमंड

वेस्टइंडीज टीम गाबा में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ टेस्ट मैच खेल रही थी. मैच में कैरेबियाई टीम ने कंगारूओं के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की है. वेस्टइंडीज टीम के जीत के बाद सभी के जबान पर एक ही नाम है वो है शमर जोसेफ. चलिए जानते हैं कौन है शमर जोसेफ और कैसे उनके करियर का आगाज हुआ.

वेस्टइंडीज टीम गाबा में ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ टेस्ट मैच खेल रही थी. मैच में कैरेबियाई टीम ने कंगारूओं के खिलाफ शानदार जीत दर्ज की. वेस्टइंडीज टीम के जीत के बाद सभी के जबान पर एक ही नाम है वो है शमर जोसेफ. मैच में शमर जोसेफ ने आखिरी बल्लेबाज को बोल्ड आउट करके अपनी टीम को जीत दिलाई. बता दें, वेस्टइंडीज की टीम को ऑस्ट्रेलिया से 27 साल बाद जीत मिली है. टेस्ट मैच में तेज गेंदबाज शमर जोसेफ अपने दूसरे ही टेस्ट मैच में पैर के अंगूठे में लगे चोट के बावजूद महज 12 ओवर की गेंदबाजी में सात विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया की मुट्ठी से जीत छीन ली. चलिए जानते हैं कौन है शमर जोसेफ और कैसे उनके करियर का आगाज हुआ.


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बाराकरा के रहने वाले हैं जोसेफ

वेस्टइंडीज टीम के स्टार तेज गेंदबाज शमर जोसेफ कैरेबियाई देश के एक 400 लोगों की आबादी वाले गांव बाराकरा के रहने वाले हैं. एक छोटे से गांव से निकालकर जोसेफ ने एक बड़ा इतिहास रच दिया. शमर के गांव में जाने के लिए नाव से कम से कम दो दिन लगते हैं. पिछले पांच सालों यानी 2018 तक वहां कोई मोबाइल या इंटरनेट नहीं था.

सिक्योरिटी गार्ड थे शमर जोसेफ

अपनी गांव में शमर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे. पिछले साल तक उन्होंने अपने गांव में सिक्योरिटी गार्ड का काम किया था. एक गार्ड और मजदूर के रूप में वह 12 घंटे काम करते थे और उन्हें सिर्फ रविवार को ही क्रिकेट खेलने का मौका मिलता था. इस बीच शमर ने इस सीरीज में डेब्यू किया और टेस्ट सीरीज की शुरुआत से तीन दिन पहले आर्म गार्ड खरीदा. शमर की गेंदबाजी की बदौलत ऑस्ट्रेलियाई टीम गाबा के अपने मैदान में 216 रन नहीं बना पाई और पहली बार डे-नाइट टेस्ट हार गई.

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टेस्ट मैच के दौरान शमर हुए चोटिल

गाबा में खेले गए टेस्ट मैच के दौरान मिचेल स्टार्क की गेंद लगने से शमर चोटिल हो गए. चोट को देखते हुए उन्हें मैदान से बाहर ले गया गया. जिसके बाद उन्हें वहां से अस्पताल ले जाया गया. इस बीच टेस्ट के पांचवें और आखिरी दिन उनका खेलना असंभव लग रहा था. लेकिन उन्होंने सिर्फ खेला ही नहीं बल्कि उन्होंने सात विकेट भी झटके और 27 साल बाद ऑस्ट्रेलिया की जमीन पर कंगारू टीम को हराकर इतिहास रचा दिया.

प्लास्टिक पिघलाकर बनाते थे गेंद

शमर की गाबा तक की यात्रा आसाना नहीं रही है. कैरेबियाई देश गुयाना के एक छोटे से कस्बे बाराकारा में जन्मे शमर जोसेफ ने बचपन में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था. शमर गरीब परिवार से आते थे, ऐसे में वह प्रैक्टिस के लिए क्रिकेट नहीं होती थी. शमर फलों (अमरूद, सेव, केले आदि) और प्लास्टिक को पिघलाकर उससे गेंद बनाकर प्रैक्टिस करते थे. पारंपरिक ईसाई परिवार से होने के चलते शमर को शनिवार और रविवार को क्रिकेट खेलने की इजाजत नहीं रहती थी. शनिवार और रविवार को पूरा परिवार चर्च में प्रार्थनाओं में व्यस्त रहता था.

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Vaibhaw Vikram
Vaibhaw Vikram
वैभव विक्रम डिजिटल पत्रकार हैं. खेल, लाइफस्टाइल, एजुकेशन, धर्म में रुचि है और इसी विषय पर अपने विचार प्रकट करना पसंद है. क्रिकेट से बहुत लगाव है. वर्तमान में प्रभात खबर के खेल डेस्क पर कंटेंट राइटर पद पर कार्यरत हैं.

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