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रूस से टूरिस्ट वीजा पर भारत आया अलेक्जेंडर बन गया आलोक बाबा, 3 साल बाद नालंदा में ऐसे हुआ खुलासा

भारत में रह रहे एक रूसी नागरिक को नालंदा पुलिस ने गिरफ्तार किया है. तीन साल पहले टुरिस्ट वीजा पर आए रूसी नागरिक के पास से पुलिस ने फर्जी आधार कार्ड और वीजा बरामद किया है. इस पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब वह नालंदा के एक मेडिटेशन सेंटर में प्रशिक्षण लेने गया.

नालंदा थाना पुलिस ने भारत में अवैध तरीके से रह रहे रूसी नागरिक अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को नालंदा स्थित मेडिटेशन सेंटर से गिरफ्तार किया है. इसके पास से जो वीजा बरामद किया गया. उसमें ओवर राइट कर 2020 के जगह 2024 लिखा गया है. इसके अलावे इसके आधार कार्ड में बंगाल का पता है, जब की ये रूस का रहने वाला है. इस पूरे मामला का खुलासा तब हुआ जब ये तीन जुलाई को नालंदा आया और महाविहार स्थित मेडिटेशन सेंटर में 10 दिन का प्रशिक्षण लेने गया.

आधार कार्ड में बंगाल का पता 

महाविहार संस्थान द्वारा इससे पासपोर्ट, वीजा और आधार कार्ड की मांग की गई. मगर रूसी नागरिक द्वारा सभी दस्तावेज का फोटो कॉपी सौंपा गया जिसकी जांच के दौरान महाविहार को पता लगा कि इसके पास जो वीजा है, वो 2020 का टूरिस्ट वीजा है, जिसकी अवधि मात्र तीन महीने की थी. मगर इसने फर्जी तरीके से उसे 2023 तक का कर दिया है. इसके पास से जो आधार कार्ड मिला है, उसमें बंगाल का पता है.

तीन साल से रह रहा था फर्जी दस्तावेज के सहारे 

महाविहार द्वारा इस मामले में नालंदा थाना पुलिस को सूचना दी गई जिसके बाद नालंदा थानाध्यक्ष द्वारा मामले की जांच की गयी और इस संबंध में एम्वेसी से पता लगा कि ये फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में पिछले तीन साल से रह रहा है. इसके बाद अलेक्जेंडर उर्फ आलोक बाबा को गिरफ्तार किया गया और इसके पास से मोबाइल फोन, कैमरा और कई दस्तावेज को जब्त किया गया है.

तीन महीने के लिए टूरिस्ट वीसा पर आया था भारत 

पुलिस के गिरफ्त में आने के वाद रूसी नागरिक अलेक्जेंडर ने बताया की वो 2020 में टूरिस्ट वीजा पर तीन महीने के लिए भारत आया था उसी दौरान कोरोना के कारण लॉकडाउन हुआ जिसमें वो फंस गया और बंगाल में रहने लगा. अपना नाम अलेक्जेंडर की जगह उसने आलोक बाबा रख लिया और उसी दौरान इसने बंगाल में ही अपने नाम पर बंगाल के पते पर आधार कार्ड भी बनवा लिया. फिलहाल पुलिस गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है.

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फर्जी दस्तावेज बरामद 

मामले में राजगीर डीएसपी प्रदीप कुमार ने बताया कि महावविहार द्वारा सूचना दी गयी थी कि एक रूसी नागरिक है जो महावविहार के मेडिटेशन सेंटर आया है और उसके पास ना तो पासपाेर्ट की मूल कॉपी है और न ही वीजा. इसके बाद नालंदा थाना पुलिस द्वारा उसे तीन दिन में पासपोर्ट और वीजा की मूल्य कॉपी उपलब्ध कराने को कहा. मगर तीन दिन बाद भी मूल्य कॉपी उपलब्ध नहीं कराया जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी हुई हैं और फर्जी दस्तावेज भी बरामद किया गया है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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