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बिहार: 6700 आंगनबाड़ी सेविकाएं गईं हड़ताल पर, 10 अक्टूबर से करेंगी अनशन, एक लाख से अधिक बच्चे प्रभावित

वेतन वृद्धि सहित कई अन्य मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाएं सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गईं हैं. आंगनबाड़ी सेविकाओं ने सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष तख्ती व बैनर लेकर धरना प्रदर्शन किया.

रोहतास जिले के 3388 आंगनबाड़ी केंद्र की 6700 सेविका-सहायिकाएं पांच सूत्री मांगों के समर्थन व सरकार के वादाखिलाफी के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर सोमवार से चली गईं हैं. इस वजह से एक लाख से अधिक बच्चों का निवाला छिन गया. वहीं, इन नौनिहालों की पढ़ाई और विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ पाने वाली 50 हजार से अधिक महिलाएं प्रभावित हो गईं हैं. बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन के बैनर तले सेविका-सहायिकाओं ने विभिन्न सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष धरना दिया. इसी कड़ी में सदर प्रखंड कार्यालय पर स्थित सीडीपीओ कार्यालय के समक्ष सेविका-सहायिकाओं ने धरना दिया, जिसकी अध्यक्षता बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की प्रखंड अध्यक्ष सीता कुमारी व संचालन राजकुमारी देवी ने किया.

झांसा देकर 24 घंटे काम करा रही सरकार : आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका

धरना-प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रखंड अध्यक्ष ने कहा कि महागठबंधन सरकार ने पूर्व में चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सरकार बनने पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं के मानदेय को दोगुना कर दिया जाएगा. लेकिन, आज तक हमें सिर्फ आश्वासन ही मिलते रहे हैं. वहीं विकास मित्रों, शिक्षा सेवकों के मानदेय को बढ़ा दिया गया. इसके साथ ही अन्य वक्ताओं ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को झांसे देकर सरकार चार घंटे का काम करने को कहकर चौबीस घंटे काम करा रही है. एक सेविका शिशु के जन्म से लेकर मृत्यु तक की देख-रेख की जिम्मेवारी उठा रही है. हर घर हर गली में आंगनबाड़ी के बच्चे से लेकर बूढ़े तक जानते हैं कि हम मेहनत व लगन से कार्य करते हैं. परंतु, सरकार हम लोगों को लेकर अंधी, बहरी व गूंगी बन बैठी है.

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बिहार: 6700 आंगनबाड़ी सेविकाएं गईं हड़ताल पर, 10 अक्टूबर से करेंगी अनशन, एक लाख से अधिक बच्चे प्रभावित 3

इन मांगों को लेकर हड़ताल पर आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाएं

वक्ताओं ने कहा कि बिहार सरकार को चाहिए कि वो अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दें. केंद्र सरकार जब तक सरकारी कर्मी का दर्जा हमें नहीं देती तब तक दोनों सरकार हमारे प्रोत्साहन राशि में वृद्धि करे. इसके साथ ही महिला पर्यवेक्षिका के रिक्त पदों पर सेविकाओं की योग्यता, अर्हता को देखते हुए अति शीघ्र बहाली की जाए. वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में पांच माह का मानदेय बकाया है. कुछ सेविकाओं का साल भर से मानदेय लंबित है. अभी तक यानि विगत एक साल से न तो सेविका और न ही सहायिका के ड्रेस की राशि सरकार ने उपलब्ध कराया है और न ही नौनिहाल बच्चों को पोशाक दी है. इतना ही नहीं मातृवदना का प्रोत्साहन राशि भी नहीं दिया गया है. विभाग सिर्फ यही कह रहा है कि हमने इतनी राशि भेज दी है, जो कि सरासर झूठ है.

10 अक्तूबर को सेविका-सहायिकाएं भूख हड़ताल करेंगी

इधर, बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन जिला इकाई की सचिव राजकुमार देवी ने कहा कि मानदेय वृद्धि सहित अन्य मांगों पर सरकार ने सहमति जताई थी, लेकिन अब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया. साथ ही साथ सेविकाओं की मानदेय की राशि भी विगत पांच माह से नहीं मिल रहा है. मोबाइल से पोषण ट्रैकर ऐप में दिन रात काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, लेकिन उसके रिचार्ज भी हमी से करवाया जा रहा है. हद तो यह है कि अन्न प्राशन, गोद भराई प्रतिमाह सेविकाएं करवाती हैं, वह भी बिना राशि के इसी वजहों से परेशान हो कर सेविका-सहायिकाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. उन्होंने कहा कि अनिश्चितकालीन हड़ताल के दूसरे दिन 10 अक्तूबर को सेविका-सहायिकाएं भूख हड़ताल भी करेंगी. इस तरह हड़ताल के दौरान वे तरह-तरह से अपना विरोध प्रकट करेंगी.

क्या बोलें डीपीओ

इस संबंध में प्रभारी डीपीओ आईसीडीएस राम बाबू ने बताया कि आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के हड़ताल की सूचना प्राप्त हुई है. हड़ताल के कारण आंगनबाड़ी का संचालन सही ढंग से नहीं हो पाया है. आंगनबाड़ी को अल्टीमेट तरीके से चलाने को लेकर अगर राज्य स्तर से कोई निर्देश प्राप्त होता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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