बेगूसराय. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोप गुट (एक्टू) के आह्वान पर बेगूसराय सदर अस्पताल परिसर में शनिवार को बड़ी संख्या में आशा कार्यकर्ता अपनी सात सूत्री मांगों को लेकर पांच दिवसीय सामूहिक हड़ताल पर बैठ गयी. इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाए और लंबित मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता पर नाराजगी जतायी. प्रदर्शन को संबोधित करते हुए भाकपा-माले के नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव ने आंदोलन को पूर्ण समर्थन देते हुए केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये वही सरकारें हैं जो हर चुनाव में महिला सशक्तिकरण की बात करती हैं, लेकिन ज़मीनी हक़ और सम्मान की लड़ाई लड़ रही आशा कार्यकर्ताओं को लगातार नज़रअंदाज़ करती हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जल्द ही मांगें नहीं मानीं तो पूरे राज्य में बड़ा जनआंदोलन खड़ा होगा. कहा कि वर्ष 2023 में 32 दिनों तक राज्यव्यापी हड़ताल की गई थी, जिसके बाद सरकार ने आशा फैसिलिटेटरों को मासिक 2500 रुपये मानदेय देने का वादा किया था, लेकिन दो वर्ष बीतने के बावजूद अब तक भुगतान शुरू नहीं हुआ है. यह वादा सिर्फ एक छलावा साबित हुआ है. जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ गोप गुट (एक्टू) की जिला अध्यक्ष मंजू देवी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में लंबित मानदेय का भुगतान, दस हजार रुपये की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि, 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति तथा सेवानिवृत्ति पर 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि का प्रावधान इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी का दर्जा और 21 हजार रुपये मासिक वेतन की भी मांग शामिल है. उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा. इस हड़ताल से जिला स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित होने की आशंका है. मौके पर आशा कार्यकर्ता साधना देवी, प्रतिमा कुमारी, मीना कुमारी, ललिता कुमारी, नीलम देवी , राम कुमारी, सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया.
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