तेघड़ा. भारत निर्वाचन आयोग की पहल पर 143 तेघड़ा विधानसभा क्षेत्र में मतदान केंद्र स्तरीय पदाधिकारियों बीएलओ का सघन एवं पूर्णकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी है. यह पहली बार है जब बीएलओ को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पूरे दिन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे उन्हें निर्वाचन संबंधी कार्यों की व्यापक और गहराई से जानकारी दी जा सके. प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन भाग संख्या 51 से 101 तक के मतदान केंद्रों पर कार्यरत बीएलओ को प्रशिक्षित किया गया. यह प्रशिक्षण एएलएमटी एमामुल हक द्वारा दिया गया, जो नयी दिल्ली से प्रशिक्षित हैं. प्रशिक्षण के उपरांत प्रतिभागियों का मूल्यांकन भी किया गया. जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि बीएलओ को प्रशिक्षण की विषयवस्तु पर पर्याप्त समझ है और वे आगामी निर्वाचन प्रक्रिया के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
प्रशिक्षण की मुख्य विशेषताएं
पहली बार पूरे दिन (10 बजे से 5 बजे तक) प्रशिक्षण, जिससे अधिक समय में गहन अभ्यास और इंटरएक्टिव सेशन संभव हुआ. एएलएमटी ने बताया कि किस प्रकार निर्वाचक नामावली को अद्यतन रखा जाए। उन्होंने नाम जोड़ने, हटाने और सुधार की प्रक्रिया को फोर्म 6, 7, 8 के माध्यम से विस्तार से समझाया.
घर-घर सत्यापन व सर्वेक्षण तकनीक
उन्होंने बीएलओ को सिखाया कि घर-घर जाकर वास्तविक मतदाताओं का सत्यापन कैसे करना है, जिससे कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रह जाए. बीएलओ ऐप, और मतदाता पोर्टल का उपयोग कैसे किया जाए, यह एएलएमटी ने प्रैक्टिकल उदाहरणों के माध्यम से सिखाया, जिससे बीएलओ को तकनीकी दक्षता प्राप्त हुई. उन्होंने प्रशिक्षण को केवल लेक्चर तक सीमित नहीं रखा, बल्कि को वास्तविक केस स्टडी के माध्यम से प्रश्न पूछने और विचार साझा करने का अवसर दिया. बीएलओ समूहों में बांटकर चर्चा कराई गई, जिससे उनके बीच अनुभवों का आदान-प्रदान हुआ. दिन के अंत में लघु मूल्यांकन के माध्यम से यह परखा गया कि उन्होंने प्रशिक्षण की विषयवस्तु को कितनी अच्छी तरह आत्मसात किया है. निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी, तेघड़ा ने कहा इस बार का प्रशिक्षण विशेष रूप से गंभीर और सघन बनाया गया है. पूर्णकालिक प्रशिक्षण से बीएलओ को अधिक समय मिल रहा है सीखने और समझने के लिए, जिससे उनकी दक्षता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ रही हैं. सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी, तेघड़ा ने भी बीएलओ की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल उन्हें तकनीकी रूप से दक्ष बना रहा है, बल्कि लोकतंत्र के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी और मजबूत कर रहा है. इस व्यापक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक बीएलओ निर्वाचन प्रक्रिया के प्रति पूर्णतः जागरूक, पारदर्शी और उत्तरदायी बने, जिससे मतदाता सूची की गुणवत्ता सुधरे और लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हों.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है