बेगूसराय. प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ऋषिकांत की अदालत ने मटिहानी थाना कांड संख्या 51/2015 की सुनवाई करते हुए जानलेवा हमला मामले में पांच आरोपितों को भारतीय दंड विधान की धारा 307 के तहत दोषी करार दिया है. दोषी करार दिये गये सभी आरोपित मटिहानी थाना क्षेत्र के खोरमपुर गांव के निवासी हैं. दोषी घोषित किये गये अभियुक्तों में मो गफ्फार, मो जब्बार, मो मुस्तफा, मो अरशद और मो हफीज शामिल हैं. अदालत ने सभी का बंध पत्र खंडित करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर बेगूसराय जेल भेजने का आदेश दिया. लोक अभियोजक संतोष कुमार की ओर से कुल पांच गवाहों की गवाही करायी गयी. घटना चार अप्रैल, 2015 की रात करीब 9 बजे की है. सूचक मो मेराज एक शादी समारोह के लिए अपनी मैजिक गाड़ी भाड़े पर लेकर रामपुर चौक पर खड़ा था. इसी दौरान सभी आरोपितों ने उसे घेर लिया. मो जब्बार ने मो गफ्फार से कहा, देखते क्या हो, गोली मार दो. यह सुनते ही मो गफ्फार ने पिस्तौल से गोली चला दी, जो सीधा सूचक के सीने में लगी. गोली लगते ही वह बेहोश होकर गिर पड़ा. अब कोर्ट ने सभी आरोपितों को दोषी मानते हुए जेल भेज दिया है.
नाबालिग किशोरी के अपहरण में आरोपित दोषी, सजा 14 को
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश नवीन कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने मंसूरचक थाना कांड संख्या 57/2007 में सुनवाई करते हुए आगापुर निवासी परवेज आलम को अपहरण के मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 363 के तहत दोषी घोषित किया है. कोर्ट ने दोष सिद्ध होते ही उसका बंधपत्र खंडित करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में ले लिया और बेगूसराय जेल भेजने का आदेश दिया. सजा के बिंदु पर अब 14 जुलाई को सुनवाई होगी. अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विभूति चंद्र झा ने कुल नौ गवाहों की गवाही करायी. मामला 28 जून, 2007 का है जब गांव में हो रही एक शादी में शामिल होने आयी 14 वर्षीया नाबालिग लड़की अचानक गायब हो गयी थी. रात एक बजे तक जब लड़की नहीं लौटी तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इसी दौरान पता चला कि आरोपित परवेज आलम नाबालिग को बहला-फुसला कर भगा ले गया है. मामले में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी.
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