बलिया. विगत दस दिनों से बढ़ते गंगा के जलस्तर के बीच बुधवार की शाम से जलस्तर में धीरे-धीरे कमी होने के बाद दियारा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है. बताया जाता है कि बुधवार की शाम से लेकर गुरुवार की सुबह तक गंगा के जलस्तर में करीब एक फुट की कमी देखी गयी है. यह कमी फरक्का के सभी गेट खोल दिये जाने से होने की बात भी जानकार बता रहे हैं. जबकि गंगा के जलस्तर में पटना से लेकर हाथीदह तक विगत तीन दिनों से कमी होने की बात जल संसाधन विभाग के द्वारा बताई जा रही थी. बावजूद स्थानीय स्तर पर जलस्तर में कमी नहीं देखी जा रही थी. विगत 5 दिनों से बढ़ते जलस्तर दियारा वासियों के लिये परेशानी का सबब बना हुआ था. दियारा क्षेत्र के सभी मुख्य सड़कों पर बाढ़ का पानी फैल जाने के कारण लोगों को आवागमन की भारी परेशानी झेलनी पर रही थी. हालांकि अभी भी बाढ़ का पानी लखमिनियां-मसुदनपुर पथ के चेचियाही ढाब एवं मनसेरपुर-शादीपुर पथ के पहाड़पुर गांव के समीप व ताजपुर-शाहपुर पथ के गोखले नगर विष्णुपुर गांव से दक्षिण सड़क पर बाढ़ का पानी फैली हुई है. जबकि तुलसीटोल-परमानंदपुर मार्ग पर बाढ़ का पानी सड़क से नीचे उतर जाने से लोगों का आवागमन सुलभ हो गया है. दूसरी ओर अभी भी दियारा क्षेत्र के कई स्कूल में बाढ़ का पानी फैले रहने से पठन-पाठन बाधित है. जिसमें मध्य विद्यालय शादीपुर, मध्य विद्यालय शिवनगर आदि के नाम शामिल हैं. हालांकि जलस्तर बढ़ने से आई बाढ़ में दियारा क्षेत्र की फसले पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. क्षेत्र के किसान राकेश सिंह, आनंदी महतो, रंजन चौधरी, सुधांशु सिंह, रामप्रवेश राय, शिवनंदन कुमार, भास्कर यादव, अरुण राय, अमित कुमार आदि ने बताया कि बाढ़ के कारण क्षेत्र की फसल पूरी तरह बर्बाद हो ही चुकी है. पशुओं का चारा भी बर्बाद हो जाने के कारण किसानों को पशु चारा का घोर अभाव हो गया है. जिससे दुधारू पशुओं के दूध में कमी तो आ ही गयी साथ ही पशु के सेहत पर भी इसका असर पड़ने लगा है. लोगों ने फसल क्षति की जांच कर मुआवजा देने की मांग स्थानीय प्रशासन से की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है