बेगूसराय. बरौनी रिफाइनरी के दो दिवसीय दौरे पर आये इंडियन ऑयल के निदेशक (वित्त) अनुज जैन ने यहां आधारभूत संरचना में हुए विकास की सराहना की. इसके साथ ही उन्होंने रिफाइनरी में लागत बचत की संस्कृति विकसित करने पर बल दिया, जिससे सुरक्षा एवं संचालन उत्कृष्टता से कोई समझौता किये बिना समग्र दक्षता में वृद्धि हो सके. इंडियन ऑयल के कार्यकारी निदेशक (वित्त) सुब्रत चौधरी एवं कार्यकारी निदेशक (ऑप्टिमाइज़ेशन) हितेश शाह के साथ पहुंचे निदेशक का स्वागत कार्यकारी निदेशक एवं रिफाइनरी प्रमुख सत्य प्रकाश, कार्यकारी निदेशक (परियोजना एवं कोर ग्रुप) संजय रायजादा एवं बरौनी रिफाइनरी के वरिष्ठ प्रबंधन टीम के अधिकारियों ने किया. सबसे पहले श्री जैन ने बरौनी रिफाइनरी के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद सत्र में भाग लिया. जिसमें रिफाइनरी के हालिया प्रदर्शन पर आधारित विस्तृत प्रस्तुति दी गई. इसके बाद लागत अनुकूलन (कॉस्ट ऑप्टिमाइजेशन) पर गहन चर्चा हुई. जिसमें उन्होंने तकनीकी प्रगति को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया तथा रिफाइनरी के लिए लाभ मार्जिन सुधार के विभिन्न उपायों की चर्चा की. बरौनी रिफाइनरी डायमंड जुबिली चिल्ड्रन कॉमिक बुक का लोकार्पण करने के बाद निदेशक (वित्त) ने बरौनी रिफाइनरी के अनुभव केंद्र दृष्टिपथ का दौरा किया, जो अत्याधुनिक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं रोबोट युक्त डिजिटल सुविधा है. उन्होंने इसके अभिनव डिजाइन और डिजिटल एकीकरण की सराहना की. उन्होंने इसे पारदर्शिता, सीखने और निरंतर सुधार के प्रति रिफाइनरी की प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है. इसके बाद बीआर-09 एवं बिटुरॉक्स परियोजना स्थल, इंडजेट यूनिट एवं उसके कंट्रोल रूम का भी दौरा किया. वरिष्ठ प्रबंधक (कॉर्पोरेट संचार और कर्मचारी सेवाएं) मीनाक्षी ठाकुर ने बताया कि यह यात्रा बरौनी रिफाइनरी में लागत दक्षता, तकनीकी उन्नयन एवं संचालन उत्कृष्टता की रणनीतिक दिशा को और सुदृढ़ करेगा, जो इंडियन ऑयल के व्यापक ऊर्जा नेतृत्व दृष्टिकोण के अनुरूप है.
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