बलिया. पत्रकार अजीत अंजुम पर विगत दिनों बलिया थाना में हुए मुकदमे को रद्द करने की मांग एवं एफआइआर रद्द करने की मांग को लेकर सोमवार को भाकपा माले कार्यकर्ताओं के द्वारा नागरिक प्रतिवाद मार्च निकाला गया. जो प्रतिवाद मार्च स्टेशन रोड स्थित पार्टी कार्यालय से निकलकर बलिया बाजार, प्रखंड कार्यालय होते हुये पेटल चौक पर सभा में तब्दील हो गया. प्रतिरोध मार्च की अध्यक्षता पार्टी नेता इन्द्रदेव राम ने किया. सभा को जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, किसान महासभा के जिलाध्यक्ष नवल किशोर, अधिवक्ता एहतेशाम अहमद, रामकुमार, दीपक आनंद, टुसा देवी ने संबोधित किया. अपने संबोधन में दिवाकर प्रसाद ने कहा कि बिहार में वोटबंदी की जमीनी सच दिखा रहे, वरिष्ठ पत्रकार अजित अंजुम पर फर्जी मुकादम दर्ज कर पत्रकारों को मोदी-नीतीश की सरकार डराना चाह रही है. स्वतंत्र पत्रकारों के निर्भीक आवाज को दमन के खिलाफ नागरिक प्रतिवाद मार्च निकाला गया है. उन्होंने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर प्रेस की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करने के आरोप लगाये हैं. उन्होंने कहा कि संविधान ने लोकतंत्र में नागरिकों को मताधिकार करने के अधिकार दिये हैं. लोकतंत्र में मतदाता सर्वोच्च होते है. इसे कतई खोने नहीं दिया जायेगा. मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्य में बीएलओ के द्वारा मतदता को पावती रसीद नहीं दिया जा रहा है. सरकार अपनी नाकामी और फर्जीवाड़े को छुपाने के लिए सच बोलने और दिखाने वाले पत्रकार और बीएलओ पर कार्रवाई कर रही है. जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि चुनाव आयोग मतदाता से कोई सबूत नही मांग सकता है तो चुनाव आयोग क्यों बिहार में एफआइआर करवा रही है. इसे अविलंब रद्द करने की मांग की गयी. प्रतिरोध मार्च में संजय ठाकुर, राजेश मलाकार, शंकर रजक, मो अखलाख अहमद, नारायण राम, टारी रजक, अशरफी पासवान, हरेराम साह, गीता देवी, मुनी देवी, गजेन्द्र पंडित, तपेशवर महतो, रानी देवी, पूनम देवी आदि शामिल थे.
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