बेगूसराय . स्वतंत्र वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम और इसी वर्ष जनवरी में बेगूसराय के पांच पत्रकारों के ऊपर दर्ज मुकदमे के विरोध में जिला पत्रकार संघ ने शुक्रवार को प्रतिरोध मार्च निकाला. प्रतिरोध मार्च का नेतृत्व संघ के अध्यक्ष विनोद कर्ण और महासचिव सौरभ कुमार ने किया. प्रतिरोध मार्च आइएमए हॉल से शुरू हुआ और वीपी स्कूल चौक, काली स्थान चौक, नगरपालिका चौक, कैंटिन चौराहा, कचहरी रोड चौराहा, थाना चौराहा होते हुए हड़ताली चौक पर समाप्त हुआ. हड़ताली चौक पर संघ के अध्यक्ष विनोद कर्ण ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई एफआइआर की कड़ी निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि एफआइआर को तत्तकाल वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि यह एफआइआर सिर्फ एक पत्रकार पर हमला नहीं है, बल्कि स्वतंत्र पत्रकारिता और जनता के सच जानने के अधिकार पर सीधा हमला है. वरिष्ठ पत्रकार अग्नि शेखर ने कहा कि बेगूसराय में चल रही मतदाता विशेष गहन पुनरक्षण प्रक्रिया की रिपोर्टिंग के दौरान, अजीत अंजुम एसआइआर से जुड़ी सच्चाई सामने लाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन सच और ग्राउंड रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों पर एफआइआर दर्ज कर अन्य पत्रकार/ स्वतंत्र पत्रकारों को भी डराने-धमकाने का प्रयास किया जा रहा है. यह मीडिया के साथ मजाक है. वरिष्ठ पत्रकार अशांत भोला ने कहा कि एफआइआर दर्ज करने की निंदा की. संघ के महासचिव सौरभ कुमार ने कहा कि इसी वर्ष 18 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के क्रम में मटिहानी आए थे. इस दौरान मुख्यमंत्री ने जो कुछ कहा उस खबर को चलाने वाले पांच पत्रकारों पर आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज करा दिया. लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई उचित कार्रवाई नहीं हुई है. मौके पर पत्रकार प्रशांत कुमार, हरेराम दास, सुमित कुमार सिंह, विजय कुमार झा, मनीष कुमार, रिमझिम कुमारी, अरुण चंद्र झा, हरेराम सिंह, संजीत श्रीवास्तव, रितेश वर्मा, संजय कुमार सिन्हा, संतोष श्रीवास्तव सुधांशु, नवीन मिश्रा, शकील अहमद वेग, अमित कुमार, देवेन्द्र कुमार, शंभू प्रसाद चौधरी, गोविन्द कुमार, चंदन कुमार, मो. फरोग उर रहमान, अवधेश सिंह, कन्हैया कुमार, कन्हैया पासवान, साकेत कुमार, अमित कमार, संजय कुमार, इंतेशार आलम, सुमन भारद्वाज समेत दर्जनों पत्रकार भी शामिल थे. बलिया प्रतिनिधि के अनुसार भाकपा माले राज्य स्थाई समिति सदस्य सह जिला सचिव दिवाकर प्रसाद ने शुक्रवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि पत्रकार अजीत अंजुम लोकतंत्र के मजबूत एवं अग्रणी प्रहरी पर सरकार और चुनाव आयोग के द्वारा फर्जी मुकादम दर्ज करना लोकतंत्र पर सीधा फासीवादी हमला है. उन्होंने इसे घोर निंदनीय और शर्मनाक करार दिया है. उन्होने कहा कि मोदी सरकार और चुनाव आयोग अपनी बेईमानी और कमजोरी छुपाने के लिये पत्रकार और बीएलओ पर मुकादमा दर्ज कर दमनात्मक कारवाई की मंशा जाहिर कर दिया है.मताधिकार को बचाने और पत्रकार अजीत अंजुम और सही बोलने वाले बीएलओ पर फर्जी मुकादम के खिलाफ आंदोलन तेज किया जायेगा.
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