कम संख्या में पुलिस बल की थी प्रतिनियुक्ति : इस बार हरिगिरिधाम में भीड़ नियंत्रण को लेकर काफी कम संख्या में पुलिस बल को लगाया गया था. यह साफ दिखाई दे रहा था कि श्रद्धालुओं के भीड़ के सामने पुलिस बल काफी कम पड़ गया था. तीसरे और चौथे सोमवारी को पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट को बढ़ाना होगा. इस बार कई जगह पर अपने ड्यूटी से सिपाही और मजिस्ट्रेट गायब थे. हालांकि इसको लेकर डीएसपी ने गायब कर्मियों को चिन्हित कर उस पर कार्रवाई करने की बात कही है. जिला प्रशासन के द्वारा अगर तीसरे और चौथे सोमवारी को भी यही लापरवाही रहा तो कई तरह के समस्याएं उत्पन्न हो सकती है.
खोया पाया केंद्र पर भी दिखी काफी अधिक भीड़ : श्रावणी मेला में एक दूसरे से बिछुड़ने पर श्रद्धालु अपनों से मिलने के लिए बेताब थे. इसके लिए धाम परिसर के कार्यालय में बनाये गये खोया पाया केंद्र पर लोगों की काफी अधिक भीड़ देखने को मिली. यहां माइकिंग कर कार्यकर्ता एक दूसरे से बिछड़े लोगों को मिलाने का प्रयास कर रहे थे.
नाटक सैंया भए कोतवाल का किया गया मंचन : रविवार की रात बाबा हरिगिरिधाम परिसर स्थित मंच पर रंग संस्था हुंकार के कलाकारों ने प्रख्यात नाटककार बसंत सबनीस लिखित सैया भये कोतवाल का मंचन किया. संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से मंचित नाटक का निर्देशन गजेंद्र यादव ने किया. आंचलिक भाषा व नाट्य शैली के संमिश्रण व हास्यपुट के साथ मंचित नाटक का दर्शकों ने खूब लुत्फ उठाया. वहीं कलाकारों ने अपने शानदार अभिनय से न केवल दर्शकों का मन मोह लिया बल्कि नाटक के कथा सार को संप्रेषित करने में भी सफल रहे. नाटक सैंया भए कोतवाल के माध्यम से कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय व शानदार अदायगी से व्यंग्य के साथ राजनीतिक भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, जातिवाद और वंशवाद पर जमकर कुठाराघात किया. नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि राजा अपनी शक्ति एवं सत्ता के दंभ में गलत नीति बनाता है जिसका दुष्परिणाम आम आवाम को भुगताना पड़ता है. नाटक में दिखाया गया कि कैसे सत्ता प्रधान रिश्तों के चक्कर में पड़ कर अपने साला को कोतवाल बना देता है जबकि वह अनपढ़ गंवार होता है. राजा की ऐसी ही कमजोरी का फायदा मंत्री, दरबारी उठाते हैं. ऐसे राजा व प्रधान को चापलूस लोग पसंद आते हैं. इसी ताना-बाना के साथ कथानक सम-सामयिक राजनीतिक भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, वंशवाद के दुष्परिणाम को दर्शाता हुआ अपने निष्कर्ष पर पहुंचता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है