बेगूसराय. बरसात के मौसम में हर वर्ष नगर निगम क्षेत्र के लोग जलजमाव की समस्या से परेशान रहते हैं. गंदें नाले के पानी से होकर आवागमन करना उनकी नियति बन हुई है.
शहर के लोग बरसात के मौसम के पूर्व ही जलजमाव की समस्या से एक फिर काफी आशंकित हैं. इस वर्ष बिहार में 15 जून को माॅनसून प्रवेश का अनुमान मौसम विभाग द्वारा व्यक्त किया गया है. मई माह अब खत्म होने को है. माॅनसून प्रवेश को लगभग 15 दिन बचे है. ऐसे में बरसात के मौसम में इस वर्ष भी शहरवासियों को जलजमाव की समस्या से राहत मिलेगी या नहीं. जलजमाव से राहत के लिए नगर निगम प्रशासन द्वारा कौन-कौन सा कदम उठाया गया है इसकी पड़ताल की गयी, तो कई तथ्य उभर कर सामने आये हैं. नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या के कई प्रमुख कारण हैं. इन कारणों में प्रमुख कारण जल निकासी को कोई आउटलेट का नहीं होना, दूसरा कारण है शहर में लगातार गड्ढों में ही बस रहे मोहल्ले और तीसरा कारण है नाला का तकनीकी तरीके से निर्माण न होना वही चौथा प्रमुख कारणों में जलनिकासी के लिए बड़ा मास्टर प्लान का धरातल पर अब तक न उतर पाना भी एक बड़ा कारण है. जिसका परिणाम है कि लोग हर वर्ष जलजमाव की समस्या से हलकान हो रहें हैं. नगर निगम प्रशासन का कहना है कि सभी छोटे-बड़े संपर्क नाला के गाद की उड़ाही का कार्य अभियान चलाकर पूरा कर लिया गया है, जिससे कि बरसात का पानी अवरुद्ध न होकर सामान्य गति से निकल सके. लेकिन कई ऐसे कार्य हैं, जिसके पूरा किये बगैर जलजमाव से पूरी राहत मिल पायेगी अथवा नहीं यह आशंका बनी हुई है.एनएचएआइ धीमी गति से कर रहा मुख्य नाले का निर्माण
नगर निगम द्वारा बनाये तीन दशक पुराना मुख्य जीर्ण-शीर्ण होकर ध्वस्त हो गया. जिससे शहर के रेलवे लाइन के दक्षिणी क्षेत्र के दर्जनों बड़े छोटे नाले जुड़े हुए थे. जिससे शहर की जलनिकासी हो रही थी. एनएच 31 पर जब फोरलेन बना तो एनएचएआइ को नाला बनाना था. वर्तमान महापौर पिंकी देवी और जिला प्रशासन के विशेष प्रयास से एनएचएआइ ने नगर निगम के नाला के लेवल के अनुसार नाला निर्माण करने को सहमत हो गये. लगभग एक करोड़ 25 लाख रुपये से एनएच-31 के किनारे लगभग 767 मीटर लंबा नाला निर्माण होना शुरु हो गया है नाला बनने के बाद शहरी क्षेत्र का नाला का पानी इस मुख्य नाला से होकर निकलना है. संवेदक को 31 मार्च तक नाला बनाकर नगर निगम को सौंप देना था. परंतु तय सीमा के बाद भी नाला का निर्माण अभी भी अधूरा है. अगर नाला निर्माण माॅनसून के पूर्व पूरा नहीं हो पाता है तो जलजमाव की समस्या से लोग को राहत मिलना मुश्किल हो सकता है,पूरा शहर जलजमाव की चपेट में आ सकता है.इधर समीक्षा बैठक में संवेदक ने डीएम को आश्वस्त किया है कि 15 जून तक मुख्य नाला का निर्माण हो जाएगा.उक्त नाला के निर्माण से रेलवे लाइन से दक्षिणी क्षेत्र के शहरवासी को जलजमाव कुछ राहत मिल सकती है. परंतु जलजमाव से मुक्ति बड़े मास्टर प्लान से ही संभव है.स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज योजना की स्वीकृति नहीं मिलने पर जलजमाव बढ़ायेगा टेंशन
आत्मनिर्भर बिहार के सात निश्चय -2 के तहत सभी नगर निकायों में जलजमाव से निजात पाने हेतु स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज योजना बनायी गयी थी. इस योजना के तहत बेगूसराय नगर निगम प्रशासन के द्वारा शहर के सभी 45 वार्डों की वर्षों से हो रहे जलजमाव से स्थायी मुक्ति के लिए स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज की योजना का प्राक्कलन बनायी गयी थी. जिसे परियोजना निदेशक (असैनिक) बुडको द्वारा शहर में जलजमाव की स्थिति को देखते हुए पूर्व में समर्पित प्राक्कलन को संशोधित करते हुए योजना राशि 402.41 करोड़ का प्राक्कलन तैयार कर वर्ष वर्ष 2023 में संबंधित सभी विभागों को समर्पित भी कर दी गयी है. परंतु लगभग दो वर्ष पूरे होने को है परंतु योजना की फाइल स्वीकृति के अभाव में नगर विकास एवं आवास विभाग में ही लटकी पड़ी है. योजना का धारातल पर उतरने में हो रही विलंब से लोग काफी परेशान हैं. योजना जब बनाई गयी थी तक शहर के लोगों में यह विश्वास जगी थी कि अब शीघ्र ही शहर में जलजमाव की समस्या से मुक्ति मिलेगी. परंतु जिस तरह से योजना अधर में अटकी हुई है. इससे यह अनुमान लगाने में जरा भी संकोच नहीं है कि वर्ष 2025 में बरसात के मौसम में एक बार फिर से शहर के लोग जलजमाव की समस्या झेलने को मजबूर रहेंगे.शहर में हर वर्ष तीन स्तर के हो रहे जलजमाव
नगर निगम क्षेत्र में जलजमाव की समस्या बहुत पुरानी है.क्षेत्र में जलजमाव की तीन तरह की समस्या है. सबसे बड़ी समस्या है लेयर डाउन वाले क्षेत्रों में बसे नये मुहल्ले में स्थायी जलजमाव. दूसरी समस्या है बरसात के दौरान पूर्व से बने नाले के तकनीकी लेबल से निर्माण न हो पाने के कारण जलनिकासी की रफ्तार धीमी. बरसात के दौरान नाले के माध्यम से जल की धीमी निकासी के कारण कई मुहल्लों व मुख्य सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है. इस दौरान लोग गंदे पानी से होकर गुजरते हैं. तीसरे तरह का जलजमाव कहीं-कहीं सडक का लेबल डाउन रहने से बारिश के दौरान जलजमाव हो जाता है.
इस वर्ष हो सकते हैं सामान्य से अधिक बारिश
मौसम विभाग केंद्र पटना के अनुसार इस वर्ष 15 जून बिहार में माॅनसून प्रवेश कर सकता है. आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है. केरल में समय से आठ दिन पूर्व मानसून पहुंचने को लेकर प्रदेश में भी मॉनसून के जल्द आने के कयास लगाये जा रहे हैं. मौसम विज्ञान केंद्र पटना की माने तो प्रदेश में मानसून पूर्णिया व किशनगंज के रास्ते पहुंचता है और 15 जून को बिहार में माॅनसून प्रवेश कर सकती है. वही दूसरी ओर जून 2025 के लिए आईएमडी के मासिक पूर्वानुमान से मानसून की मजबूत शुरुआत का संकेत मिल रहा है. देश भर में बारिश सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है, जो एलपीए का 108 प्रतिशत से अधिक है. इस महीने के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है.बोलीं नगर निगम की महापौर
बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी ने कहा कि सभी नाला की गाद उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है. एनएचएआइ द्वारा बन रहे मुख्य नाला निर्माण को लेकर संवेदक ने भी मेरी उपस्थिति में समीक्षा बैठक में 15 जून तक नाला निर्माण के लिए डीएम को आश्वस्त किया है. स्ट्राॅम वाटर ड्रेनेज की स्वीकृति के लिए कई बार नगर विकास एवं आवास विभाग मंत्री से मिली हूं. मंत्री जी से शीघ्र ही योजना की स्वीकृति का आश्वासन मिला है. पिछले दिनों बेगूसराय में समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री को भी योजना की स्वीकृति के संबंध में आग्रह पत्र सौंपी हूं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है