बेगूसराय. सर्वमंगला सिद्धाश्रम मां काली धाम सिमरिया में मंगलवार को करपात्री अग्निहोत्री स्वामी चिदात्मन जी महाराज के सान्निध्य में एक बैठक आयोजित की गयी. इस अवसर पर स्वामी चिदात्मन जी महाराज ने कहा कि वेद के बिना सनातन धर्म अधूरा है. वर्षों की दास्तां हमें वेदों से अलग कर दिया है. इसलिए पारिवारिक, सामाजिक के साथ साथ राष्ट्रीय अशांति उत्तरोत्तर बढ़ती चली जा रही है. वेद के पुनर्स्थापन, पुनर्जागरण एवं प्रचार-प्रसार से ही परिवार समाज राष्ट्र एवं विश्व का कल्याण संभव है. उन्होंने कहा कि वर्तमान शासन व्यवस्था की ओर से वेदों के उत्थान के लिए निरंतर किया जा रहे प्रयास काफी सराहनीय है. इस प्रकार वेद संपूर्ण भारतवर्ष ही नहीं विश्व के कल्याण के लिए पुनर्जागरण की स्थिति में पहुंच चुकी है. इसी कड़ी में सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ गुरु पूर्णिमा के अवसर पर वेद विज्ञान विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया है. डाॅ घनश्याम झा ने कहा कि वर्तमान समय में वेदों का बहुत ही महत्व है. वेद ज्ञान का भंडार होने के साथ-साथ प्राचीन भारतीय संस्कृति दर्शन और धर्म का आधार है. वेद हमें जीवन के अर्थ, कर्मों के फल और मुक्ति के मार्ग पर चलना सिखाती है. रविंद्र जी ब्रह्मचारी ने कहा कि सर्वमंगला परिवार के द्वारा पुनर्स्थापित किए जा रहे वेद विज्ञान पाठशाला मिथिला क्षेत्र के लिए ही नहीं संपूर्ण भारतवर्ष के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित होगा. इस अवसर पर पंडित शिवचंद्र झा, प्रो. विजय कुमार झा, दिगंबर शास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये. मौके पर कौशलेंद्र, अमरेंद्र, दिनेश झा, सनातन झा, राम आदि थे. सर्वमंगला अध्यात्म योग विद्यापीठ में वेद विज्ञान विद्यालय प्रारंभ करने के निर्णय का लोगों ने स्वागत किया. स्थानीय लोगों ने कहा कि इससे सिमरिया धाम की छटा दूर-दूर तक फैलेगी.
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