पिपरासी. मंझरिया पंचायत के अर्जुनही नाले में निर्माणाधीन पुल आखिरकार लिंटर की स्थिति में पहुंच गया. सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो दो चार दिनों में लिंटर भी हो जाएगा. पुल तोड़ने के एक वर्ष बाद पुल निर्माण पूर्ण होने के बीच में लोगों के काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ा है. साथ ही इस पुल के निर्माण को पूरा कराने के लिए सांसद, विधायक, प्रमुख आदि जनप्रतिनिधियों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ी है. ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों के असंवेदशील रवैए के सामने सभी के आदेश निर्देश धरे के धरे रह गए और ठेकेदार अपने मनमाने समय से अब जाकर ढलाई कराने की स्थिति में पहुंचे है. पुल की ढलाई में प्रयुक्त होने वाले छड़ की साइज को देख लोगों ने निर्माण में अनियमितता का आरोप लगाया है. ग्रामीण रमेश कुशवाहा, परमानंद कुशवाहा, चंद्रशेखर चौहान, गोधन कुशवाहा, आनंद कुशवाहा आदि ने बताया कि पुल की लिंटर में प्रयुक्त होने वाला छड़ काफी पतला है. मौके पर कोई बोर्ड आदि भी नहीं लगा है कि जिससे यह जानकारी हो सके कि इसमें कितने एमएम का छड़ लगेगा. वहीं मौके पर एस्टीमेट भी नहीं है कोई जानकारी मिल सके. वहीं इस पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग के तरफ से कराया जा रहा है. लेकिन कोई विभागीय अभियंता भी निर्माण कार्य को देखने नहीं आता है. इससे यह जानकारी हो सके कि काम सही हो रहा है की गलत. ग्रामीणों ने बताया कि कार्यस्थल पर विभागीय कर्मियों के नहीं आने के कारण ठेकेदार अपनी मनमानी कर पतले छड़ लगा रहे हैं, जो आने वाले दिनों में पुल के लिए खतरा साबित हो सकता है. ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल से मंझरिया के दर्जनों गांव के साथ सेमरा-लंबेदहा पंचायत के लोग प्रखंड, थाना, अस्पताल आदि स्थानों पर आवागमन करते है. वहीं भारी वाहनों का आवागमन भी पंचायत के अधिकांश गांवों में इसी मार्ग से होता है. ऐसी स्थिति में अगर लिंटल में गड़बड़ी बरती जाती है तो पुल समय से पहले डेंजर जॉन में चला जाएगा. ग्रामीणों ने इसकी जांच कर मानक के अनुरूप निर्माण कराने की मांग की है. वहीं विभागीय एसडीओ कौशिक आनंद ने बताया कि पुल निर्माण में छड़ मानक के अनुरूप प्रयुक्त करने का निर्देश दिया गया है. लगातार जांच की जा रही है. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.
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