नरकटियागंज. गन्ने का मायका कहे जाने वाले चंपारण में अब ड्रोन गन्ने की मिठास बढ़ाने में सहायक होगा. किसानों को दवा छिड़काव के लिए लगने वाले समय और रूपये की बचत तो होगी ही. जिले के करीब 1.75 लाख किसान जिन्होंने गन्ने की खेती की है, वे मालामाल होंगे. किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध करने के लिए सरकार के कृषि विभाग गन्ना उद्योग विभाग और चीनी मिलें लगातार प्रयासरत है. ड्रोन से गन्ने की फसल में दवा छिड़काव का सफल परीक्षण नरकटियागंज, बगहा, रामनगर, मझौलिया, लौरिया आदि मिल क्षेत्रों में शुरू भी कर दिया गया है. नरकटियागंज कृषि विज्ञान केन्द्र के वरीय कृषि वैज्ञानिक डा. आरपी सिंह ने बताया कि ड्रोन का उपयोग किसी भी वनस्पति या फसल के स्वास्थ्य का आकलन करने के लिए किया जाता है, खरपतवारों, संक्रमणों और कीटों से प्रभावित क्षेत्र और इस आकलन के आधार पर, इन संक्रमणों से लड़ने के लिए आवश्यक रसायनों की सही मात्रा का उपयोग किया जाता है. उन्नत रिमोट सेंसिंग क्षमताओं वाले ड्रोन का उपयोग फसलों की निगरानी करने, कीटनाशकों और उर्वरकों का छिड़काव करने, सिंचाई प्रणाली का प्रबंधन करने, उपज की भविष्यवाणी करने आदि के लिए किया जा रहा है. साथ ही कृषि ड्रोन का उपयोग मिट्टी और क्षेत्र विश्लेषण के लिए किया जाता है. मिट्टी में नमी की मात्रा, इलाके की स्थिति, मिट्टी की स्थिति, मिट्टी के कटाव, पोषक तत्वों की मात्रा और मिट्टी की उर्वरता का मूल्यांकन करने के लिए उनका उपयोग सेंसर को माउंट करने के लिए किया जाता है. फसल निगरानी, बीज बोने से लेकर कटाई के समय तक फसल की प्रगति का पर्यवेक्षण है. कृषि ड्रोन से किसानों को फायदे कृषि ड्रोन से किसानों को परोक्ष रूप से लाभ मिलेगा. हवा में उड़ते हुए फसलों पर कीटनाशकों, फ़र्टिलाइजर और दवाइयों का स्प्रे करता है. ड्रोन के ऊपर बकेट में फ़र्टिलाइजर या कीटनाशक को भर दिया जाता है. रिमोट के जरिये हवा में उड़ाते हुए स्प्रे किया जाता है. एक बार खेत की मैपिंग करने के बाद ये खुद ही पूरे खेत में स्प्रे कर देता है.
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