वाल्मीकिनगर. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महर्षि वाल्मीकि की तपोस्थली वाल्मीकिनगर के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में जंगल सफारी की चाहत रख जुलाई के पहले सप्ताह में वाल्मीकिनगर पहुंचने वाले पर्यटकों को अब निराशा और मायूसी का सामना करना पड़ सकता है. मानसून सीजन में पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ नहीं उठा पाएंगे. ना ही जंगल सफारी के दौरान शाकाहारी और मांसाहारी वन्यजीवों के दीदार की चाह अब कुछ समय तक उनकी पूरी हो पाएगी. अनुमान है कि जून के अंतिम सप्ताह में बरसात के सीजन को देखते हुए जंगल सफारी की सुविधा विभाग द्वारा बंद कर दी जाएगी. अमूमन मानसून सीजन में प्रत्येक वर्ष टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा जंगल सफारी की सुविधा पर्यटकों के लिए बंद कर दी जाती है. किंतु इस वर्ष मानसून सीजन लेट होने के कारण जून के अंतिम सप्ताह तक पर्यटकों को जंगल सफारी की सुविधा उपलब्ध हो सकती है. किंतु हो रही लगातार रुक-रुक कर बारिश के कारण वन क्षेत्र के कच्चे मार्ग जंगल सफारी के लिए अब अनुकूल नहीं रह गए है. वाल्मीकिनगर वन क्षेत्र पदाधिकारी श्रीनिवासन नवीन ने बताया कि इस आशय का कोई आधिकारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई है. विभागीय निर्देश के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी. मानसून सीजन में जंगल सफारी की सुविधा वन विभाग द्वारा बंद कर दी जाती है. मानसून सीजन के बाद विभागीय आदेश से फिर जंगल सफारी की सुविधा पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी. शेष अन्य सुविधाएं पूर्व की तरह टाइगर रिजर्व में बहाल रहेगी.
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