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नगर निगम को ढूढे नहीं मिल रहे ठेकेदार, कई करोड़ की योजनाएं लटकी

नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजनाएं ठेकदारों की उदासीनता के कारण लटक रही हैं.

वरीय संवाददाता, बेतिया

नगर निगम की महत्वाकांक्षी योजनाएं ठेकदारों की उदासीनता के कारण लटक रही हैं. नगर निगम द्वारा सड़क, नाला और टाउनहॉल जीर्णोद्धार जैसी योजनाओं के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया में ठेकदार हिस्सा नहीं ले रहे, जिसके चलते कई परियोजनाओं को बार-बार टेंडर में भेजना पड़ रहा है. सूत्रों की मानें तो इस स्थिति के पीछे निगम की पुरानी कार्यशैली और ठेकेदारी में पार्षदों की कथित भूमिका भी एक बड़ा कारण हो सकती है.

महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने बताया कि महारानी जानकी कुंवर नगर भवन के आधुनिकीकरण के लिए 1.40 करोड़ की योजना तैयार की गई थी, जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन इस परियोजना में एक भी ठेकदार ने हिस्सा नहीं लिया. इसी तरह, करीब 10 करोड़ की लागत वाली सड़क और नाला निर्माण की योजनाएं भी ठेकदारों की रुचि न दिखाने के कारण अटकी हुई हैं. पहले जहां टेंडर को लेकर ठेकदारों में होड़ मचती थी, वहीं अब उनकी अनिच्छा ने निगम प्रशासन के सामने नई चुनौती खड़ी कर दी है. सूत्रों का दावा है कि निगम में लंबे समय से योजनाओं के कार्यान्वयन में ज्यादातर पार्षद ही ठेकदार की भूमिका निभाते रहे हैं. इस परंपरा के तहत काम तो कराए गए, लेकिन गुणवत्ता को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे. अब जब निगम ने पारदर्शिता के लिए टेंडर प्रक्रिया को अनिवार्य किया, तो ठेकदारों की भागीदारी लगभग न के बराबर हो गई. कुछ सूत्र यह भी आरोप लगा रहे हैं कि ठेकदारों को साजिशन टेंडर प्रक्रिया में शामिल होने से रोका जा रहा है, ताकि पुरानी व्यवस्था को बनाए रखा जा सके. नगर आयुक्त लक्ष्मण तिवारी के समक्ष अब न केवल योजनाओं को समय पर पूरा करने की चुनौती है, बल्कि टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और ठेकदारों की भागीदारी सुनिश्चित करना भी एक बड़ा कार्य है. निगम की बोर्ड बैठक में सड़कों की मरम्मत, नाला निर्माण और आधुनिक संसाधनों की खरीद जैसे प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है, लेकिन ठेकदारों की अनुपस्थिति के कारण ये योजनाएं भी लटक सकती है. महापौर ने कहा कि निगम क्षेत्र को मॉडल टाउनशिप बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए ठेकदारों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है. उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सभी योजनाओं में गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. निगम प्रशासन अब ठेकदारों को आकर्षित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया में और पारदर्शिता लाने पर विचार कर रहा है. उम्मीद है कि नगर निगम जल्द ही इस गतिरोध को तोड़ेगा और शहर के विकास कार्यों को गति मिलेगी.

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रिटेंडर से बढ़ रहा खर्च, हो रही देरी

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि टेंडर में संवेदकों के भाग नहीं लेने के चलते निविदा को पुन: रिटेंडर में भेजना पड़ रहा है. इससे नगर निगम को अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ रहा है. साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन में भी देरी हो रही है.

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कोट…

कई सारी योजनाओं का टेंडर इसलिए नहीं हो सका, क्योंकि उसमें एक ही संवेदक दावा कर सके. टॉउन हाल की निविदा में कोई संवेदक भाग नहीं ले सका. जिन योजनाओं का टेंडर नहीं हो सका, उनका दुबारा टेंडर प्रकाशन किया जा रहा है.

लक्ष्मण तिवारी, नगर आयुक्त नगर निगम बेतिया

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