भीषण गर्मी में प्यासे दिखे राहगीर व यात्री, दिन के दो बजे पहुंचता है पानी
नप प्रशासन की शिथिलता कहे या लापरवाही, कागजों तक सीमित है शीतल पेयजल की व्यवस्था
बगहा.
तपती धूप, भीषण गर्मी व उमस भरी मौसम में लोगों का आम जनजीवन प्रभावित हो गया है. खासकर इस मौसम में घर से बाहर निकलने वाले लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. जिसको देखते हुए नगर परिषद बगहा प्रशासन द्वारा शुद्ध पेयजल के लिए नगर के सार्वजनिक स्थल प्रशासनिक कार्यालय एवं भीड़ भाड़ वाले चौक चौराहे को चिन्हित करते हुए कुल 10 जगहों पर अस्थाई तौर पर शुद्ध पेयजल के लिए प्याऊ की व्यवस्था की गयी है.लेकिन नगर परिषद की लापरवाही कहे या शिथिलता लोगों को शुद्ध पेयजल का लाभ सुचारू रूप से नहीं मिल पा रहा है. जिससे उन्हें भीषण गर्मी उमस भरी मौसम में परेशानी और बढ़ गयी है.कहां-कहां है शुद्ध पेयजल प्याऊ की व्यवस्था
मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद प्रशासन द्वारा अनुमंडलीय अस्पताल परिसर, गांधीनगर चौक, चित्रांगदा सिनेमा चौक, शास्त्री नगर स्थित रैन बसेरा, मीना बाजार, अनुमंडल कार्यालय परिसर, मलकौली चौक समेत कुल 10 स्थलों पर शुद्ध पेयजल के लिए प्याऊ की व्यवस्था की गयी है. लेकिन नप प्रशासन की शिथिलता कहे या लापरवाही लगाए गए शीतल पेयजल प्याऊ की व्यवस्था सिर्फ कागजों तक सीमित नजर आ रही है. क्योंकि जहां-जहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की गयी है. वहां एक या दो पानी का जार रख सिर्फ कोरम पूरा कर दिया गया है.
अस्पताल के नल से पानी पीते हैं गरीब असहाय मरीज
शनिवार की दोपहर लगभग 11 बजे तक अनुमंडलीय अस्पताल, अनुमंडल कार्यालय समेत अन्य शुद्ध पेयजल प्याऊ स्थलों पर पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी. हालांकि अनुमंडलीय अस्पताल परिसर में तैनात एक प्रहरी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अस्पताल में मरीजों का आना सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाता है. गर्मी के कारण मरीजों को बार-बार पानी की जरूरत पड़ती है. लेकिन प्याऊ में सुबह से दोपहर तक पानी नहीं होता. मजबूरी में जिनके पास पैसे होते हैं वे बाहर से पानी की बोतल खरीदते हैं और जो नहीं खरीद सकते वे अस्पताल के नल से पानी पीते हैं. प्रहरी ने बताया कि नगर परिषद द्वारा दोपहर लगभग दो बजे पानी भिजवाया जाता है. तब तक अस्पताल में मरीजों की भीड़ कम हो चुकी होती है. इस समय लाए गए पानी का उपयोग भी कम हो पाता है.
पानी नदारद था, गर्मी से परेशान लोग
अक्सर चार ड्रम में से एक ड्रम का पानी बचा ही रह जाता है. लोगों का कहना है कि यह सब पानी की बचत नहीं. बल्कि लापरवाही और दिखावे की नीति है. वही अनुमंडल कार्यालय परिसर में स्थिति और भी खराब दिखी. यहां प्याऊ स्थल पर दो जार पानी में एक जार में पानी डाला गया था. जबकि दूसरा पानी का जार खाली पड़ा मिला. लेकिन उसमें पानी नदारद था. गर्मी से परेशान लोग आसपास के होटल या दुकानों से पानी पीते देखे गए.प्याऊ व्यवस्था को बेहतर करने की मांग
आधार कार्ड संबंधित कार्य से कार्यालय आए शुभम ने बताया कि गर्मी बहुत है और पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. हमें मजबूर होकर बोतलबंद पानी खरीदकर पीना पड़ा. बता दें कि बगहा में तापमान 35 से 40 डिग्री के पार चल रहा है. ऐसे में नगर परिषद की जिम्मेदारी बनती है कि सार्वजनिक स्थलों पर पानी की नियमित और समयबद्ध आपूर्ति सुनिश्चित करे. स्थानीय लोगों ने नगर परिषद से इस लापरवाही पर तुरंत संज्ञान लेने और गर्मी के इस भीषण दौर में प्याऊ व्यवस्था को बेहतर करने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है