बेतिया.छह से दस साल तक वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जैसे तैसे संचालन के बाद जिले के कुल 274 पंचायतों में से 117 के उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में से अधिसंख्य में स्थाई प्रधानाध्यापक गण ने सोमवार को योगदान कर लिया है.इसी साल के शुरुआत में बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर इनका चयन हुआ है. हालांकि दस दिन पूर्व ही राज्य मुख्यालय स्तर से इनको विद्यालय आवंटित कर दिया गया था. इसी के आलोक में निकिता वर्मा ने नौतन के गहीरी, राजीव रंजन ने मझौलिया में महोदीपुर, डॉ.रहमत यास्मीन ने मठिया,कौशल किशोर ने योगापट्टी में चमैनिया, राजीव पाठक ने चनपटिया में माहना कुली, आरिफ रज़ा ने मोहछी सुग्गा, मुकेश कुमार राय रामनगर अंचल में भावल आदि अधिसंख्य ने योगदान कर लेने की जानकारी दी है. इनमें सुभाष नारायण सिंह, जितेंद्र प्रसाद, निकेत कुमार, बृजेश पांडेय,सीमा सोनी आदि भी शामिल हैं. जिला शिक्षा अधिकारी रविन्द्र कुमार ने नव पदस्थापित प्रधानाध्यकों को बधाई देते हुए कहा कि हमारे सभी नव पदस्थापित प्रधानाध्यपक गण योग्य और अनुभवी हैं.इनमें आधे से अधिक उच्चतर माध्यमिक स्तर के किसी न किसी अन्य विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक का दायित्व सफलता पूर्वक संभाल चुके हैं. शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार में होगा सुधार:डीपीओ (माध्यमिक शिक्षा) माध्यमिक शिक्षा की डीपीओ गार्गी कुमारी ने भी नव प्रोन्नत और पदस्थापित प्रधानाध्यापक गण को बधाई और शुभकामना देते हुए कहा कि वर्षों से प्रभार में चल रहे संबंधित उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापकों के पदस्थापन से निश्चित रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था में उत्तरोत्तर और सुधार होगा.स्थाई प्रधानाध्यापक गण की नियुक्ति से विद्यालयों में एक नई ऊर्जा का संचार होना तय है. इससे न केवल शिक्षण व्यवस्था में सुधार हुआ है, बल्कि विद्यालय के ओवर ऑल कार्यप्रणाली में भी सकारात्मक बदलाव दिखेंगे. प्रशासनिक व्यवस्था और समुदाय से बढ़ेगा जुड़ाव : डीपीओ स्थापना स्थापना संभाग के डीपीओ कुमार अनुभव ने भी सबको बधाई देते हुए कहा कि स्थायी प्रधानाध्यापक गण के पदस्थापन से विद्यालयों में प्रबंधन,अनुशासन व्यवस्था में बदलाव दिखेंगे. नियमों का अनुपालन सुनिश्चित होने से छात्र छात्राओं को अनुशासित रहने के लिए प्रेरित होंगे.इसके साथ ही डीपीओ श्री अनुभव ने बताया कि स्थायी प्रधानाध्यापक गण विद्यालय को समुदाय के साथ जोड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. वे अभिभावकों और समुदाय के अन्य प्रभावशाली गणमान्य लोगों के साथ मिलकर विद्यालय के समग्र विकास के लिए उत्तरोत्तर काम करेंगे. वित्तीय प्रबंधन स्थायी प्रधानाध्यापक विद्यालय के वित्तीय संसाधनों का सही प्रबंधन करते हैं. वे यह सुनिश्चित करते हैं कि विद्यालय के पास आवश्यक धनराशि उपलब्ध हो और उसका उपयोग सही ढंग से किया जाए. कुल मिलाकर, वर्षों से प्रभार में चल रहे विद्यालयों में स्थायी प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति से एक सकारात्मक बदलाव आया है. इससे न केवल विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि विद्यालय का ओवर ऑल मैनेजमेंट भी बेहतर हुआ है.
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