बगहा. जमाबंदी में अवैध छेड़छाड़ करने के मामले में अंचल अधिकारी बगहा एक नर्मदा श्रीवास्तव तथा हल्का कर्मचारी अजीत कुमार पर लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. बता दें कि परिवादी चंद्रभान पांडेय द्वारा लोक शिकायत निवारण कार्यालय बगहा में परिवाद दायर किया गया कि सीओ बगहा एक तथा कर्मचारी पर उनके जमाबंदी संख्या 1085 में बिना किसी आदेश के ही पंजी-2 में कलम चलाकर उमेश पांडेय का नाम काट दिया गया है तथा ऑनलाइन जमाबंदी में उनका नाम हटा दिया गया है. जबकि जमाबंदी संख्या 1085 पूर्व से ही विश्वनाथ पांडेय व उमेश पांडेय के नाम से चलती है. सीओ बगहा एक द्वारा इस संबंध में प्रतिवेदित किया गया है कि परिवादी द्वारा बिना किसी साक्ष्य के ही उक्त जमाबंदी में अपना नाम दर्ज करा लिया था. जिसे परिमार्जन के माध्यम से हटा दिया गया. परंतु जब लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में सीओ बगहा एक से साक्ष्य मांगा गया तो कोई साक्ष्य समर्पित नहीं किया गया तथा सुनवाई के दौरान कोई भी साक्ष्य उपलब्ध कराने से मना कर दिया गया. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बताया कि प्रतिवेदन के अवलोकन से स्पष्ट हुआ कि हल्का कर्मचारी अजीत कुमार तथा सीओ बगहा एक द्वारा परिमार्जन के अपने दावे के संबंध में कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया तथा अवैध व नियम को ताक पर पहले पंजी-2 में कलम चलाकर उमेश पांडेय का नाम काट दिया गया और फिर ऑनलाइन जमाबंदी में भी नाम हटा दिया गया. लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा कर्मचारी और सीओ बगहा एक का यह अवैध रूप से रैयत की जमाबंदी में छेड़छाड़ के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का परामर्श दिया गया है तथा जिलाधिकारी एवं राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग से इन दोनों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी है.
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