धनहा थाना में और तीन हत्या के मामले दर्ज है अभियुक्त पर स्पीडी ट्रायल से पूरी हुई सुनवाई
बगहा.
देवर-भाभी हत्याकांड में मंगलवार को जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट ने सकलदेव यादव को दोषी करार दिया.कोर्ट ने दोनों पक्षों की ओर से पेश किए गए साक्ष्य, सबूत, गवाही को ध्यान में रखते हुए पाया कि सकलदेव यादव अमल उर्फ अमला यादव,कमल यादव तथा हीरा यादव ने मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया है. कोर्ट ने भादंसं की धारा 302, 120 बी, 34 के तहत दोषी पाया है.बचाव पक्ष के अधिवक्ता नर्व देशावर भारती ने कहा कि हत्या अज्ञात के खिलाफ दर्ज की गई थी. पुलिस ने आरोपितों का नाम जानबूझकर फंसा दिया. वे निर्दोष हैं, उन्हें केस से मुक्त किया जाए.अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट को साक्ष्य देते हुए अभियोजन पदाधिकारी मन्नू राव ने कांड के सूचक, डॉक्टर, आईओ समेत कुल नौ लोगों की गवाही के साथ आरोपितों के खिलाफ धनहा थाने में दर्ज कांड सं. ,232/22, 106/23, 121/23 की प्रतियां उपलब्ध कराते हुए कहा कि कांड में सकलदेव यादव कमल यादव, अमला यादव व हीरा यादव ने एक ही तरीके से पांचों हत्याकांड को अंजाम देने का प्रमाण दिया है. चारो ने अपना वर्चस्व इलाके में जमाने के उद्देश्य से वारदात को अंजाम दिया था. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट से साइको किलर बताते हुए कड़ी से कड़ी सजा देने की अपील की है.मंगलवार को कोर्ट से सजा पर फैसला आएगा.कोर्ट की सख्ती के बाद आइओ ने दी थी गवाही
उच्च न्यायालय, पटना द्वारा क्रिमिनल मिसलेनियस संख्या 29489/2025 में 20 जून 2025 तक इस मामले के मूल वाद में स्पीडी ट्रायल चलाकर निस्तारित करने का आदेश था. सुनवाई के दौरान कोर्ट को पता चला कि 08 अक्टूबर 2024 से अब तक 22 तिथियों को आईओ को मौका मिलता रहा.कोर्ट के आदेश की अनदेखी पटना के कदमकुआं के थानेदार अजय कुमार करते रहें. कोर्ट से जारी आदेश को रद्दी की टोकरी में डालते रहें. इसे गंभीरता से लेते हुए जिला जज चतुर्थ मानवेंद्र मिश्रा की कोर्ट ने गैर-जमानतीय वारंट जारी करते हुए बगहा पुलिस कप्तान को अरेस्ट कर लाने का आदेश दिया. तो वे कोर्ट पहुंचकर अपनी गवाही दर्ज कराए.भाभी व देवर की हुई थी सरेआम हत्या
5 जून 2023 को बनारसी यादव ने अपनी मां झलरी देवी एवं चाचा पहवारी यादव की हत्या के संबंध में अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध कांड दर्ज कराया था. इसमें पुलिस ने सकलदेव यादव, कमल यादव,अमला यादव, हीरा यादव को जेल भेजा था. विदित हो की पूर्व में इसी केस में कमल यादव, अमला यादव, हीरा यादव को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है. इंसाफ की आस में पीड़ित पक्ष भी कोर्ट के फैसले पर नजर लगाए हुए हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है