बेतिया. जिले में खरीफ फसल के लिए यूरिया की किल्लत नहीं होगी. जिलाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार ने उर्वरक की कृत्रिम अभाव पैदा कर कालाबाजारी करनेवाले उर्वरक विक्रेताओं के विरुद्ध कमर कस ली है. जिलाधिकारी के निर्देश पर जिले में यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए छापामार दस्ता का गठन किया गया है. जिला कृषि पदाधिकारी सरफराज असगर ने बताया कि सोमवार से 2632 मिट्रिक टन यूरिया की बिक्री किसानों के बीच कतार लगाकर कराई जा रही है. आज शाम तक 1097 मिट्रिक टन यूरिया की रैक पहुंचने वाली है. इस माह में कुल 5087 मिट्रिक टन यूरिया उपलब्ध होगी. ऐसे में आवश्यकता के अनुसार प्रत्येक किसान को यूरिया मिलेगी. कुछ दुकानदार खाद की कमी का हवाला देकर किसानों से अधिक कीमत लेकर खाद की बिक्री कर रहे थे. ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि उर्वरकों की कालाबाजारी नहीं हो, इसके लिए 100 टीम गठित कर सोमवार से छापेमारी शुरू कर दी गई है. टीम में जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं. कीमत से अधिक मूल्य पर यूरिया या अन्य उर्वरक बेंचने वाले अनुज्ञप्तिधारियों के खिलाफ अनुज्ञप्ति रद करने के साथ साथ संबंधित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की हिदायत दी गई है. जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों को उचित मूल्य पर यूरिया सहित अन्य उर्वरक मिले, इसके लिए विभाग कृत संकल्पित है. किसी भी किसान को यदि परेशानी होती है, तो इसकी शिकायत तुरंत स्थानीय कृषि कर्मी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी से करें. संबंधित विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सभी संबंधितों को उर्वरक की आपूर्ति, वितरण में पारदर्शिता एवं प्राथमिकता किसानों को देने का निर्देश दिया है. यूरिया वितरण केंद्रों पर कृषकों की सुविधा के लिए स्पष्ट सूचना पट लगाने को कहा गया है, जिसमें दर, उपलब्धता एवं वितरण समय अंकित हो. सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों एवं कर्मियों को विभागीय निर्देशों का कड़ाई से पालन करने को कहा गया है, ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है