23.4 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से निकला बाघ, दहशत में हैं इस शहर के लोग

Tiger Reserve in Bihar: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का बाघ जंगल से भटकते हुए पश्चिमी चंपारण के रामनगर क्षेत्र के रिहायशी इलाके में पहुंच गया है. बाघ जंगल से भटकते हुए करीब आठ किलोमीटर दूर गांव में पहुंच गया है. वन विभाग की टीम बाघ के पगमार्क के आधार पर उसकी तलाश कर रही हैं.

Tiger Reserve in Bihar: बेतिया. बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रामनगर में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का एक बाघ जंगल से भटकते हुए रिहायशी इलाके में पहुंच गया है. बाघ जंगल से भटकते हुए करीब आठ किलोमीटर दूर गांव में पहुंच गया है. रामनगर में बाघ के पैरों के निशान देखकर लोगों के बीच दहशत फैल गई. रविवार की सुबह नगर के वैकुंठपुर के नजदीक बाघ के देखें जाने की जानकारी है. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी है. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई हैं. वन विभाग की टीम बाघ के पगमार्क के आधार पर उसकी तलाश कर रही हैं.

गांवों के लोग घर में दुबके, खेतों की हो रही जांच

मौके पर बाघ की ट्रैकिंग कर रहे वन विभाग टीम के मुकेश राम ने कहा कि पगमार्क के आधार पर बाघ की तलाश की जा रही हैं. मुकेश राम ने कहा कि यहां बाघ की तलाश के लिए दो टीमों को लगाया गया हैं. उधर नगरवासियों में बाघ के शहर के नजदीक पहुंचने की जानकारी मिलने के बाद भय का माहौल कायम हो गया है. बैकुंठपुर के लोग बाघ के भय से खेतों की ओर नहीं जा रहे हैं. जिससे खेती का कार्य भी प्रभावित हुआ हैं. बाघ के रघिया वन क्षेत्र से निकलकर मसान नदी के रास्ते पहुंचने की आशंका जताई जा रही हैं.

पहले भी इस इलाके में दिखे हैं बाघ

खेतों में काम करने गए ग्रामीणों ने बाघ के पैरों के निशान देखे. खेतों में बाघ के पैरों के निशान देखे जाने से गांव के ग्रामीणों में दहशत का माहौल कायम हो गया है. पश्चिमी चंपारण जिले के इन ग्रामीणों ने बताया कि बाघ पहले भी इस इलाके में आते रहे हैं. इसी साल बाघ दो नील गायों का शिकार भी कर चुके हैं. ग्रामीणों की मानें तो बाघ लगभग तीन दिन से इस क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा है. किसान बाघ के भय से खेतों की ओर जाने से डर रहे हैं. वन विभाग की टीम बाघ की छिपे होने की आशंका के मद्देनजर खेतों में भी तलाशी कर रहे हैं. वन कर्मियों को बाघ के पैरों के निशान के अलावा उसके सबंध में अन्य किसी तरह की जानकारी नहीं मिल सकी है.

Also Read: बिहार में शिक्षकों मिलेगा टैब, मार्च से लागू हो सकती है बच्चों के लिए डिजिटल हाजिरी की व्यवस्था

Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने को प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel