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जैव विविधता के संरक्षण व संतुलन के लाभ व हानि के विषय पर दिया गया प्रशिक्षण

बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के तहत वन प्रमंडल बेतिया अंतर्गत बगहा वन प्रक्षेत्र द्वारा बगहा 2 स्थित एक निजी होटल में बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया.

हरनाटांड़. बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के तहत वन प्रमंडल बेतिया अंतर्गत बगहा वन प्रक्षेत्र द्वारा बगहा 2 स्थित एक निजी होटल में बुधवार को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्य अतिथि के तौर पर बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद के संयुक्त निदेशक हेमकांत राय व विशिष्ट अतिथि उप निदेशक मिहिर कुमार झा के अलावे संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी भी मौजूद रहे. सभी अधिकारियों को किसान सुषमा सिंह, शशि पांडेय, निप्पू पाठक ने बुके देकर सम्मानित किया. इसमें अनुमंडल अंतर्गत ग्राम पंचायत, प्रखंड व जिला स्तर पर गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व सदस्य उपस्थित रहे. इस दौरान जैव विविधता के संरक्षण और संतुलन के लाभ व हानि के विषय के साथ-साथ अन्य पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया. साथ ही जैव विविधता अधिनियम, नियम और उससे जुड़े लाभ साझाकरण के प्रावधानों व संबंधित प्रावधानों पर स्थानीय हितधारकों को जैव संसाधनों और उनसे जुड़े परंपरागत ज्ञान के संरक्षण की जानकारी दी गयी. ग्राम पंचायत स्तर पर गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव के अलावे दो सदस्य व ग्राम पंचायत के प्रबुद्ध जन, पर्यावरणविद, कृषि से जुड़े लोग शामिल हुए. कार्यशाला में जैव विविधता प्रबंधन एवं उसके संरक्षण के महत्वपूर्ण पहलुओं के संबंध में मार्गदर्शन दिया गया. जैव विविधता को लेकर जैव विविधता प्रबंधन समिति के दायित्वों व उनके अधिकारों पर चर्चा की गयी. राज्य जैव विविधता के संयुक्त निदेशक हेमकांत राय ने बताया कि पंचायतों में प्रकृति महत्व के भूखंड एवं वास स्थल, झील, नदी तट, नदी खंड, विलक्षण किस्म के कृषि या बागवानी के स्थल की जानकारी व उनके संरक्षण के कार्य प्रभावी रूप से की जाए. जिले के जैव विविधता एवं जैव विविधता संबंधी स्थानीय पहलुओं में कृषि, पशुपालन, मत्स्य, भौगोलिक परिस्थिति की जानकारी दी गयी. बिहार राज्य जैव विविधता के संयुक्त निदेशक ने बताया कि जैव विविधता प्रबंधन समिति के अध्यक्ष व सचिव को जन जैव विविधता पंजी तैयार करने को कहा गया है. हम लोगों को पूरे बिहार में सौ कार्यशाला करनी है. इनमें जैव विविधता प्रबंधन समिति के अधिकार, दायित्व के साथ-साथ प्रबुद्ध लोगों की राय को लेना है. उनके विचार को पंजी में संधारण करना है. उन्होंने बताया कि बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद राज्य के सभी समितियों का सशक्तिकरण कर उन्हें सक्रिय बनाने के लिए पर्यावरण एवं वन विभाग, पंचायती राज विभाग, कृषि विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग आदि के माध्यम से कृत संकल्पित है. कार्यक्रम के व्यवस्थापक सह वन क्षेत्र बगहा के रेंजर सुनील कुमार, वनपाल रंजन कुमार, वनरक्षी रविंद्र कुमार, अंजू कुमारी, इरशाद अली, गुड्डू चौधरी, सत्यम साहनी समेत किसान मौजूद रहे.

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