30 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

बिहार: दुर्दांत नक्सली अविनाश दा और प्रवेश दा, दोनों हार्डकोर की गिरफ्तारी से टूटेगी माओवादी संगठन की रीढ़!

बिहार में नक्सलियों की रीढ़ लगभग टूट चुकी है. इसे अब पूरी तरह ध्वस्त करने की तैयारी में लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर दो दुर्दांत नक्सली ऐसे हैं जिनकी गिरफ्तारी अबतक नहीं हो सकी है. दोनों नक्सलियाें के बारे में जानिए..

Naxal News: भारत सरकार नक्सलियों के सफाए को लेकर लगातार अभियान चला रही है. गृह मंत्री अमित शाह भी नक्सल प्रभावित इलाकों की तस्वीर बदलने के लिए लगातार कार्रवाई करने की बात कहते रहे हैं. वहीं बिहार के कई जिले ऐसे हैं जिनकी तस्वीर अब बदल चुकी है. कभी नक्सलियों का गढ़ कहा जाने वाले इन इलाकों में अब विकास कार्य हो रहे हैं. नक्सलियों के खिलाफ बिहार में कार्रवाई जारी है. कई हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया है तो कई नक्सली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए हैं. वहीं बिहार के दो नक्सली ऐसे हैं जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार अभियान चलाती आयी है. उनपर इनाम घोषित किए गए हैं. लेकिन दोनों अभी तक पकड़ से बाहर हैं. उनके दस्ते के कई कुख्यात दबोचे जा चुके हैं. लेकिन वो अबतक खुले में सांस ले रहे हैं.

टूटकर बिखर चुके नक्सली संगठन को मजबूत करने की कोशिश

जमुई, मुंगेर व लखीसराय जिले में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार चलाए जा रहे अभियान के बाद नक्सली संगठन पूरी तरह से बैक फुट पर हैं. संगठन के हार्डकोर नक्सली या तो मारे जा चुके हैं या उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. पिछले साल बिहार में बड़ी संख्या में गिरोह के हार्डकोर नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया था. ऐसे में नक्सली संगठन पूरी तरह से टूट कर बिखर चुका है. अगर जमुई जिले की बात करें तो केवल दो हार्डकोर नक्सली ही ऐसे हैं, जो अब इस लिस्ट में शेष बचे हैं. इसमें एक नाम नक्सली पोलित कमेटी (सेंट्रल कमेटी) ब्यूरो के सदस्य प्रवेश दा का है. जबकि दूसरा नाम नक्सली प्रवक्ता एवं हार्डकोर नक्सली अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा का है. अब पुलिस ने नक्सली अरविंद यादव को पकड़ने के लिए अपना जोर लगाना शुरू कर दिया है.

प्रवेश दा और अविनाश दा की गिरफ्तारी जरूरी

नक्सली प्रवेश दा पोलित कमेटी का मेंबर है और उसके द्वारा पूर्व में लगातार नक्सलियों की भर्ती कराने की बात सामने आते रही है. परंतु सूत्रों की मानें तो उम्र दराज होने के कारण वह सक्रिय रूप से संगठन में भागीदारी नहीं ले पा रहा है. वहीं जमुई जिले में नक्सली संगठन को मजबूत करने का जिम्मा अरविंद यादव ने अपने कंधे पर ले रखा है. अरविंद यादव उर्फ अविनाश मूल रूप से संगठन को हथियार सप्लाई करता है और संगठन के लिए फंडिंग एकत्रित करता है. ऐसे में उसकी गिरफ्तारी पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता हो सकती है. लगातार जिला पुलिस नक्सली अरविंद यादव को गिरफ्तार करने के लिए रणनीति बना रही है.

Also Read: बिहार: ‘अविनाश दा’ नाम से कुख्यात नक्सली अरविंद यादव को जानिए, ईनाम रखकर वर्षों से की जा रही हार्डकोर की खोज
कुख्यात अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा की खोज

बिहार एसटीएफ ने हाल में ही राज्य भर के 31 हार्डकोर नक्सली एवं अपराधियों के खिलाफ नया इनाम घोषित किया है. इसमें 6 नक्सली शामिल हैं. इस लिस्ट में जमुई जिले से नक्सली अरविंद यादव का नाम भी शामिल है. अरविंद यादव पूर्वी बिहार-पूर्वोत्तर झारखंड भाकपा माओवादी संगठन का हार्डकोर है. वह नक्सली प्रवक्ता भी है.पिछले दिनों अरविंद यादव उर्फ अविनाश दा के हाइड आउट में छापेमारी कर पुलिस ने हथियारों का जखीरा बरामद किया था. पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सली नेता अरविंद यादव उर्फ अविनाश अपने दस्ते के साथ तेतरिया के जंगलों में मौजूद है और बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि नक्सली अरविंद यादव जमुई के अलावा बांका, मुंगेर व लखीसराय जिले में भी मुख्य रूप से सक्रिय रह चुका है. ईडी ने उसकी डेढ़ करोड़ से भी अधिक की संपत्ति को जब्त की थी. झारखंड के गिरिडीह में भी उसके ऊपर मामले दर्ज हैं. बिहार में हाल में ही उसके ऊपर रखी ईनाम की राशि को एसटीएफ ने बढ़ाकर तीन लाख किया है. 29 अगस्त 2010 को लखीसराय के कवैया थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष भूलन यादव की हत्या समेत कई बड़े कांड उसके खिलाफ दर्ज हैं.

प्रवेश दा की गिरफ्तारी तोड़ेगी नक्सल गिरोह की रीढ़

प्रवेश दा उर्फ अनुज दा उर्फ अमलेश दा की गिरफ्तारी भी नक्सलियों के आतंक की रीढ़ को तोड़ेगी. जो भाकपा (माओवादी) के पीबीपीजे (पूर्वी बिहार-पूर्वी झारखंड) का सचिव है. हजारीबाग के विशनुगढ़ थाने के भंडोरी का प्रवेश दा निवासी है. जमुई में आतंक की घटना को अंजाम देने के लिए वो अभी भी तैयारी करता है. उसके दस्ते के कई कुख्यात पकड़े जा चुके हैं लेकिन प्रवेश दा की खोज आज भी जारी है. पिछले साल ही जमुई में गिरफ्तार इस दस्ते की एक महिला नक्सली कमांडर ने कई राज खोले थे. उसने पुलिस को बताया था कि उसे कुख्यात प्रवेश दा ने भेजा था. उसके कहने पर ही एकत्र होकर संगठन विस्तार करने की गुप्त रणनीति बनानी थी. प्रवेश दा ने नक्सलियों के दमदार उपस्थिति दर्ज कराने को कहा था और इसके लिए बड़ी घटना को अंजाम देने की तैयारी करने में जुटे थे.

गिरिडीह का कैदी वाहन ब्रेक कांड

बता दें कि झारखंड के गिरिडीह में वर्ष 2013 में कैदी वाहन ब्रेक कांड हुआ था. जिसमें कैदी वाहन पर हमला करके नक्सलियों ने अपने हार्डकोर साथी प्रवेश दा समेत कई माओवादियों को मुक्त करा लिया गया था. इस घटना में लिप्त कई नक्सली पकड़े जा चुके हैं लेकिन प्रवेश दा और अविनाश दा की खोज जारी है. जबकि कुख्यात चिराग दा की मौत मुठभेड़ में हो चुकी है

ThakurShaktilochan Sandilya
ThakurShaktilochan Sandilya
डिजिटल मीडिया का पत्रकार. प्रभात खबर डिजिटल की टीम में बिहार से जुड़ी खबरों पर काम करता हूं. प्रभात खबर में सफर की शुरुआत 2020 में हुई. कंटेंट राइटिंग और रिपोर्टिंग दोनों क्षेत्र में अपनी सेवा देता हूं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel