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बढ़ रहा सरयू का जलस्तर, मर्माहत हुए किसान
सिवान के सिसवन प्रखंड क्षेत्र के जयीछपरा, सांईपुर, ग्यासपुर, सीवान, भागर होकर गुजरने वाली सरयू नदी अपने उफान के साथ किसानों पर कहर ढाह रही है. आपको बताते चले सरयू नदी के इन क्षेत्रों के दियारा इलाके में हर साल परवल की खेती की जाती हैं. जिसको बेचकर कर किसान लाखों रुपये कमाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के मार से मर्माहित किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. समय से पहले हुए बरसात की शुरुआत से जहां परवल के खेती पर असर पड़ा. वहीं अब सरयू नदी में हो रही जल वृद्धि किसानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. बताते चलें कि सरयू नदी में लगातार जल वृद्धि के कारण परवल के खेत जल में समाहित हो रहे हैं. परवल की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि हर साल बरसात शुरू होने से पहले परवल के खेती में लागत के साथ साथ मुनाफा आ जाता था जो इस बार नहीं हुआ इस इस करोना के चलते. वहीं, इस साल समय से पहले हुई बरसात और सरयू नदी में एकाएक हो रही जल वृद्धि के चलते हम किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.
दहा नदी उफान पर, फसल बर्बाद होने से सहमे ग्रामीण
सीवान में लगातार हुई बारिश के बाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली दहा नदी (बाण गंगा) के जल स्तर में वृद्धि होने से लोग चिंतित हैं. नदी का जलस्तर अब लोगों के खेतों में पहुंच रहा है. यह नदी गोपालगंज जिले के सासामूसा होते हुए सीवान शहर समेत प्रखंड के रेनुआ, टेढ़ीघट, सरेयां, हुसैनगंज, बघौनी, आंदर प्रखंड के कई गांवों से होकर गुजरते हुए सिसवन में जाकर सरयू नदी में मिल जाती है. जलस्तर में बढ़ोतरी से किसानों की मक्का की फसलें पानी में डूबने लगी हैं. इससे किसान चिंतित हैं. हुसैनगंज में पुल के पास नदी का जलस्तर कुछ ही मीटर रह गया है. स्पर्श होने में मात्र दो फिट शेष बच गया है. इससे किसान व आसपास के लोग चिंतित हैं.
गंडक नदी का डिस्चार्ज लेवल कम होने से गोपालगंज में कटाव का खतरा बढ़ा
गंडक नदी का डिस्चार्ज लेवल कम होने के कारण गोपालगंज में कटाव का खतरा बढ़ गया है. पिछले तीन दिनों में नदी में पानी का लेवल एक मीटर से अधिक कम हुआ है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक शुक्रवार को बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज लेवल घटकर 1.52 लाख तक पहुंचा. हालांकि दोपहर बाद बढ़कर 1.66 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया. इधर, डीएम अरशद अजीज ने बाढ़ प्रभावित कुचायकोट, मांझा, सिधवलिया, बरौली, बैकुंठपुर व सदर प्रखंड के बीडीओ व सीओ को कटाव पर नजर रखने का निर्देश दिया है.
बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज
8 बजे सुबह : 1.91 लाख क्यूसेक
2 बजे दोपहर : 1.52 लाख क्यूसेक
4 बजे शाम : 1.56 लाख क्यूसेक
6 बजे शम : 1.66 लाख क्यूसेक
यहां खतरे के निशान पर गंडक
विशंभरपुर- 90 सेमी ऊपर
पतहरा - 82 सेमी ऊपर
डुमरिया - 70 सेमी ऊपर
टंडसपुर - 70 सेंमी ऊपर
सारण तटबंध में रिसाव शुरू होने पर पहुंचे अधिकारी
गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के भैसही गांव समीप सारण मुख्य बांध में दूसरे दिन भी रिसाव शुरू हो जाने से ग्रामीण दहशत में आ गये. ग्रामीणों ने रिसाव की सूचना पदाधिकारियों को दी. इसके बाद खुद इसे बंद करने में जुट गये. इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से रिसाव पर काबू पा लिया. लेकिन, रात में फिर तटबंध में हल्का रिसाव शुरू हो गया. फिर से इसे बंद करने की कवायद शुरू हुई. बाद में एडीएम और सीओ शाहिद अख्तर ने बांध का निरीक्षण किया. हालांकि, इस दौरान सीओ ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है. रिसाव बंद है. उधर, जिला मुख्यालय से एडीएम कुमार अनिल सिन्हा ने तटबंध का जायजा लिया और अधिकारियों को कैंप करने का निर्देश दिया.
बेला-रिकाबगंज में सौरा नदी का कटाव तेज
पूर्णिया : जिले के कृत्यानंदनगर प्रखंड स्थित बेला रिकाबगंज पंचायत अन्तर्गत जोका जलमराय गांव में तीन दर्जन परिवार सौरा नदी के कटाव की चपेट में आ गये हैं. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव के तीन दर्जन से अधिक लोगों के घर नदी के गर्भ में विलीन हो गये हैं. श्री यादव ने कहा है कि कटाव की रफ्तार लगातार तेज हो रही है जिससे अगले चार-पांच दिनों के अंदर सौ से अधिक घरों के प्रभावित होने की आशंका है. श्री यादव ने बताया कि जोका जलमराय के करबोला घाट के डेढ़ दर्जन से अधिक परिवार, चारकदम घाट के आधा दर्जन से अधिक परिवार और जोका घाट शर्मा टोला के 01 दर्जन परिवार बेघर हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि नदी का कटाव तेजी से जारी है और फौरी तौर पर कटाव को रोके जाने की जरूरत है. कटाव की गति बरकरार रहने पर जल्द ही सैकड़ो घर सौरा में विलीन हो सकते हैं.
कुशीनगर के सांसद ने बराज का किया निरीक्षण
वाल्मीकिनगर. उत्तर प्रदेश कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दुबे ने वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज का निरीक्षण किया और गंडक बराज के अधिकारियों से जानकारी ली. वाल्मीकिनगर गंडक बराज पहुंचकर सिंचाई विभाग के अभियंताओं से कई बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की.
गंडक में कटाव से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल नदी में विलीन
बगहा : गंडक नदी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही सेमरा लबेदहा दियारा में कटाव शुरू हो गया है. किसानों का फसल कट कर नदी में विलीन होने लगी है. जिससे किसानों में मायूसी छाई है. सेमरा लबेदहा के कांटी, बलजोरा आदि दियारा में गन्ना, धान, मक्का व श्रीपतनगर सरेह में केला की फसल नदी में विलीन हो रही है. किसान पुनीत शुक्ला, अभिज्ञान शुक्ला, बलिराम चौधरी, नंदलाल चौधरी, सुरेश चौधरी, मदन शर्मा आदि ने बताया कि उनके सैकड़ों एकड़ फसल नदी में विलीन हो गयी है. वहीं दियारा में बने एक दर्जन घर भी नदी में विलिन हो गये हैं.
महज 36 घंटे में 36 मीटर का सुरक्षात्मक बांध
शिवहर : जिले को बाढ़ से बचाने के लिए प्रशासन सदैव सतर्क है. जिले में बाढ़ के खतरे को देखते हुए महज 36 घंटे में कटाव रोकने के लिए 36 मीटर का सुरक्षात्मक बांध तैयार किया गया है. जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बेलवा पहुंचकर बांध का निरीक्षण कर निर्देश कुछ दिये हैं., इस बांध के बन जाने से शिवहर शहर में बाढ़ के पानी आने की आशंका काफी कम हुई है.
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