Adani in Bihar: पटना. अदाणी ग्रुप ने भागलपुर के पीरपैंती में प्रस्तावित 24 सौ मेगावाट की बिजली परियोजना के लिए सबसे कम बोली लगाई है. अदाणी समूह पीरपैंती बिजली घर को बनाने में 25 हजार करोड़ का निवेश करेगा. यह बिहार में अब तक का सबसे बड़ा निजी निवेश है. बिहार सरकार अदाणी समूह से 6.08 रुपये प्रति यूनिट की दर से अगले 30 वर्षों तक बिजली खरीदेगी. एजेंसी का चयन होने के साथ ही इस परियोजना के शिलान्यास की तैयारी शुरू कर दी गई है. पांच साल में यहां से बिहार को बिजली मिलने लगेगी.
800 मेगावाट की तीन इकाई का होगा निर्माण
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने वर्ष 2035 तक बिहार में बिजली की खपत 17 हजार मेगावाट होने की उम्मीद जताई है. पीरपैंती बिजली घर इस जरूरत को पूरा करने में सहायक साबित होगा. बिहार की यह अपनी और सबसे बड़ी बिजली इकाई है. इस परियोजना से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई का निर्माण होगा, जो अत्याधुनिक तकनीक सुपर क्रिटिकल पर आधारित होगा. यानी अभी जितने कोयले में 660 मेगावाट बिजली उत्पादित होती है, उतने से ही 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा.
जमीन पहले से ही अधिग्रहित
बिजली घर के लिए पीरपैंती में एक हजार एकड़ से अधिक जमीन पहले से ही अधिग्रहित है. हालांकि जरूरत के अनुसार सरकार और जमीन का अधिग्रहण कर सकती है. बिहार सरकार के अनुरोध पर कोयला मंत्रालय ने पीरपैंती बिजली घर को झारखंड के राजमहल से कोल ब्लॉक आवंटित किया है. अगले 30 वर्षों के लिए 12 मिलियन टन कोयला इस बिजली घर को मिलेगा. बिजली घर बनाने के लिए जारी निविदा में जेएसडब्ल्यू इनर्जी, एमबी पावर, टॉरेंट पावर और अदाणी पावर ने भाग लिया था. मगर 4.16 रुपये प्रति यूनिट फिक्सड चार्ज और 1.92 रुपये प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज और ट्रांसपोटेशन चार्ज की बोली लगाकर अदाणी समूह ने बाजी मार ली.
जमीन हस्तांतरण पर कैबिनेट ने मुहर लगाई
बिहार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य सरकार की सबसे बड़ी बिजली घर परियोजना पीरपैंती है. नियमानुसार एजेंसी का चयन कर लिया गया है. चयनित एजेंसी इसमें पैसा खर्च कर बिजली घर का निर्माण करेगी. सरकार बिजली की खरीदारी करेगी. यह परियोजना बिहार में निजी निवेश की सबसे बड़ी परियोजना होगी. इससे बिहार को आने वाले वर्षों में बिजली की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी. सरकार ने निबंधन एवं मुद्रांक शुल्क की अदायगी पर अडाणी ग्रुप को एक रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से 33 वर्षों के लिए जमीन हस्तांतरित कर दी है.
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