राजगीर. मगध की ऐतिहासिक राजधानी और आध्यात्मिक शहर राजगीर से योग नगरी ऋषिकेश और वैष्णोदेवी तक पहली बार सीधी रेल सेवा शुरु होगी. यह ऐतिहासिक कदम तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के लिए अत्यंत सुखद है. रेलवे द्वारा शुरू की जा रही इस रेल सेवा से न सिर्फ धार्मिक स्थलों तक पहुंचना सरल होगा, बल्कि इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. राजगीर प्रमुख धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है. यह गौतम बुद्ध और महावीर स्वामी की तपोभूमि तथा मुनि सुब्रत स्वामी की जन्मभूमि है. यहां से उत्तराखंड के ऋषिकेश और जम्मू-कश्मीर के माता वैष्णोदेवी तक सीधी रेल सेवा नहीं होने के कारण अबतक तीर्थयात्रियों को कई बार रेलगाड़ी बदलनी पड़ती थी. इससे यात्रा लंबी और थकाऊ हो जाती थी. लेकिन अब सीधी रेल सेवा होने से यात्रा सुगम, सुलभ और किफायती हो जायेगी. यह रेलगाड़ी संविधान निर्माता डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती के मौके पर 14 अप्रैल से शुरू होगी, जो 30 जून तक चलेगी. इस ट्रेन का नाम ””””अध्यात्म तीर्थ एक्सप्रेस”””” रखा गया है. राजगीर के रेलवे स्टेशन मैनेजर चन्द्र भूषण सिन्हा ने यह जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इसमें तीर्थयात्रियों के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध होंगी. शाकाहारी भोजन की व्यवस्था, स्वच्छता का विशेष ध्यान और वृद्ध यात्रियों के लिए अलग से सहयोग स्टाफ रहेगा. माता वैष्णो देवी के दर्शन पूजन के लिए राजगीर टू वैष्णो देवी स्पेशल साप्ताहिक रेलगाड़ी राजगीर से 14 अप्रैल को खुलेगी. यह रेलगाड़ी 30 जून तक कुल 12 फेरे चलेगी. यह रेलगाड़ी सप्ताह में दो बार चलेगी. सोमवार को यह राजगीर से चलकर पटना, वाराणसी, लखनऊ, हरिद्वार होते हुए ऋषिकेश और फिर जम्मू के कटरा (वैष्णोदेवी) दूसरे दिन रात के डेढ़ बजे पहुंचेगी. यह रेलगाड़ी कटरा रेलवे स्टेशन से बुधवार को 4:30 बजे राजगीर के लिए खुलेगी. उन्होंने बताया कि राजगीर से ऋषिकेश स्पेशल रेलगाड़ी का परिचालन 11 अप्रैल से आरंभ होगा. यह रेलगाड़ी राजगीर रेलवे स्टेशन से सुबह 6:05 खुलेगी और अगले दिन 8:30 बजे रात्रि में ऋषिकेश पहुंचेगी. यह रेलगाड़ी उसी दिन शाम 6:00 बजे राजगीर के लिए प्रस्थान करेगी. इन दोनों रेलगाड़ियों में भी चार जनरल बोगी, 12 स्लीपर बोगी, दो सेकंड एसी चार थ्री एसी कोच के अलावे गार्ड और पावर ब्रेक की बोगियां रहेगी. यह भी सप्ताह में केवल दो दिन चलेगी. यह सेवा विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए वरदान सिद्ध होगी, जो सीमित बजट में ऋषिकेश और वैष्णो देवी तीर्थस्थल की यात्रा करना चाहते हैं. यह ट्रेन धार्मिक एकता और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूती प्रदान करेगी. रेलवे का यह प्रयास न केवल तीर्थाटन को सरल बनायेगा, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और व्यापार के नये अवसर भी देगा. रेलवे की इस घोषणा और टाइम टेबल जारी होने के बाद तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों में उत्साह का माहौल है. सोशल मीडिया पर लोग इसे ””आध्यात्मिक सेतु”” कह कर सराह रहे हैं. यह पहल भारत के धार्मिक पर्यटन को नयी दिशा देने वाली साबित हो सकती है.
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