बिहारशरीफ. आरपीएस ग्रुप ऑफ़ स्कूल्स के तहत मकनपुर स्थित आरपीएस स्कूल एक बार फिर विवादों में आ गया है. पहले छात्र गुटों के बीच हुई हिंसा ने संस्थान की साख को झटका दिया और अब सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान हाईटेक नकल रैकेट का पर्दाफाश ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है. नूरसराय पुलिस ने लिपिक सह वीक्षक, एक अभ्यर्थी, कोचिंग संचालक और दो सेटर को गिरफ्तार कर गुरुवार को जेल भेज दिया है. वहीं इस मामले में एक अन्य आरोपी फरार बताया जा रहा है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी लगातार जारी है. नकल कांड में गिरफ्तार किए गए लिपिक की भूमिका केवल इस परीक्षा तक सीमित नहीं है. पुलिस को संदेह है कि बर्ष 2018 से आरपीएस स्कूल, मकनपुर में आयोजित हुई सभी परीक्षाओं में इस लिपिक की संलिप्तता हो सकती है. ऐसे में अब पूरे कार्यकाल की जांच की जाएगी. सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में लिपिक ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं, जिसमें एक और व्यक्ति की संलिप्तता सामने आई है. हालांकि पुलिस फिलहाल उसकी पहचान उजागर नहीं कर रही है. पुलिस अब इस बात की भी गहनता से जांच कर रही है कि स्कूल प्रबंधन इस पूरे मामले से अनभिज्ञ था या फिर यह कदाचार किसी मिलीभगत का नतीजा है. उल्लेखनीय है कि आरपीएस स्कूल के निदेशक सीबीएसई के जिला कोडिनेटर भी थे, जिन्हे बर्तमान रिजनल ऑफिसर ने करीब छ: माह पहले ही हटा दिया था. लगातार एक सप्ताह के भीतर आरपीएस स्कूल से जुड़ी दो बड़ी घटनाएं पहले छात्रों की भिड़ंत और अब नकल रैकेट ने आमजन और अभिभावकों को झकझोर कर रख दिया है. सोशल मीडिया पर स्कूल प्रबंधन की कार्यशैली पर तीखे सवाल उठाए जा रहे हैं. परीक्षा के दौरान ही पुलिस ने चार आरोपियों को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ समेत गिरफ्तार किया, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि यह एक संगठित गिरोह है जो परीक्षा प्रणाली को ध्वस्त करने पर आमादा था.
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