बिंद (नालंदा). पावापुरी में जहर खाने वाले परिवार के सभी पांच लोगों की मौत हो गयी. पीएमसीएच में इलाज के दौरान शनिवार देर रात घर के मुखिया धर्मेंद्र ने भी दम तोड़ दिया. इससे पहले शुक्रवार की रात उसकी पत्नी, दो बेटियों और बेटे की मौत हो गयी थी. पत्नी, दो बेटियों और एक बेटे को सल्फास की गोली खिलाने के बाद खुद भी जहर खाकर जान देने वाला धर्मेंद्र कर्ज से परेशान था. धर्मेंद्र ने दो लोगों से 5 लाख 50 हजार रुपये का कर्ज लिया था. उन्हें हर महीने 10 फीसदी ब्याज के हिसाब से 55 हजार रुपये देने थे. शुरुआत के दो महीने पैसे तो दिये, लेकिन आगे पैसे देना मुश्किल हो गया. उधर, ब्याज न मिलने के बाद कर्ज देने वाले लगातार धर्मेंद्र को परेशान करने लगे और पैसे वापस करने को लेकर दबाव बनाने लगे. उसकी पत्नी से भी बदसलूकी करने लगे. यही सबकुछ देख धर्मेंद्र ने पूरे परिवार के साथ आत्महत्या की सोची. उसने अपनी पत्नी को बताया और फिर शुक्रवार की देर शाम घर से करीब एक किलोमीटर दूर पैदल चलकर परिवार मां काली मंदिर के पास पहुंचा. वहां प्रसाद में सल्फास की गोलियां मिलाकर पहले पत्नी, फिर दोनों बेटियों और आखिर में एक बेटे को खिला दिया. दो बेटियों दीपा (16 वर्ष), अरिमा कुमारी (14 वर्ष) ने शुक्रवार की रात ही इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वहीं, देर रात पत्नी सोनी कुमारी (38 वर्ष) और बेटे शिवम (14 वर्ष) की भी मौत हो गयी. सबसे छोटे बेटे ने जहर को फेंक दिया था, इसलिए वह बच गया.
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