राजगीर. मंगलवार को राजगीर के ऐतिहासिक देवी स्थान मंदिर परिसर में पारंपरिक श्रद्धा और उल्लास के साथ अषाढ़ी पूजा का भव्य आयोजन किया गया. यह आयोजन प्रत्येक वर्ष अषाढ़ मास में वर्षा ऋतु के स्वागत और कृषि कार्यों की शुभ शुरुआत के उद्देश्य से किया जाता है. संध्या आरती में हजारों महिला- पुरुष शामिल हुए. इस आयोजन को सफल बनाने में देवी स्थान मंदिर व्यवस्था समिति के अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है. पूजा में वैदिक मंत्रोच्चार, हवन, विशेष अर्पण और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मां दुर्गा की विधिवत आराधना की गई. इस पारंपरिक अनुष्ठान में शहर के प्रमुख जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, व्यवसायी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए. भक्तों ने माता रानी से अच्छी वर्षा, फसल की समृद्धि, और नगर की सुख-शांति की कामना की. इस अवसर पर मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया संवारा गया था. रंग-बिरंगे फूलों, बंदनवारों और दीपों से वातावरण भक्तिमय हो गया था. पूजन के उपरांत प्रसाद वितरण किया गया, जिसमें खीर, पूड़ी, और मौसमी फल श्रद्धालुओं के बीच बांटे गये. साथ ही आत्मीयता से भरा सामूहिक भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया. मंदिर समिति के अध्यक्ष रामकृष्ण प्रसाद सिंह ने बताया कि इस तरह के आयोजन सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखते हैं. जनमानस में सामूहिकता, आस्था और पारंपरिक मूल्यों को मजबूत करते हैं. पूरे कार्यक्रम का संचालन शांतिपूर्ण एवं श्रद्धा भाव से किया गया. इससे सभी श्रद्धालु आह्लादित और संतुष्ट दिखे. समिति के पदाधिकारी उपेंद्र कुमार विभूति, महेंद्र यादव, डॉ अनिल कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, ज्ञानचंद जैन, सुधीर कुमार उपाध्याय, सुधीर कुमार मालाकार, इन्द्रमोहन सिंह निराला, डॉ जयनंदन पाण्डेय, रामकुमार प्रसाद, अधिवक्ता चंदन कुमार, ध्रुव उपाध्याय, रुबी देवी, उपेंद्र वर्मा, संजय कुमार सिंह, निरंजन कुमार एवं अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे.
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