बिहारशरीफ. सरकारी विद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के द्वारा क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक तथा जिला शिक्षा पदाधिकारी को कई आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत सभी स्तर के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की अनिवार्य संख्या तथा न्यूनतम बुनियादी सुविधाओं को रेखांकित किया गया है. अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि सरकारी विद्यालयों को सुविधायुक्त बनाने के लिए विभाग द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. इसके बावजूद स्कूलों के निरीक्षण में विभिन्न प्रकार की कमियां पाई जा रही है. इनमें विद्यालयों में विद्युतीकरण नहीं होना,
वर्गकक्षों में पर्याप्त संख्या में बल्ब एवं पंखा नहीं रहना, पेयजल की समस्या, शौचालयों में रनिंग वाटर की सुविधा का अभाव, उपलब्ध बेंच डेस्क के रख-रखाव में उदासीनता, स्मार्ट क्लास से संबंधित उपकरणों का समुचित उपयोग नहीं किया जाना आदि प्रमुख है. इसके अलावा वर्गकक्षों एवं गलियारों में टूटे फर्नीचर रखा जाना, अच्छे कमरों में कबाड़ रख देना एवं कमरों के अभाव में बच्चों को अन्यत्र बैठाना, कमरों के अभाव में अलग से पुस्तकालय एवं आईसीटी लैब स्थापित नहीं करना, विद्यालयों में शिक्षकों की उपलब्धता एवं उपस्थिति में विविधता पाया जाना आदि समस्याएं बनी हुई है. इससे विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति तथा शैक्षणिक व्यवस्था प्रभावित हो रही है.
आकस्मिकता मद से बुनियादी सुविधाएं कराई जायेगी दुरुस्त :-
जिन विद्यालयों में शिक्षकों का अभाव है वहां जिला शिक्षा पदाधिकारी ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों का मानक के आधार पर प्रतिनियुक्ति करेंगे. इसी प्रकार क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी सभी विद्यालयों में अर्द्ध वार्षिक परीक्षा के लिए पाठ्यक्रम की समाप्ति की समीक्षा करेंगे.अर्द्ध वार्षिक पाठ्यक्रम का विवरण एससीईआरटी से प्राप्त करेंगे.
11 से 20 सितम्बर के बीच अर्द्धवार्षिक परीक्षा:-
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