थरथरी. जैतपुर पंचायत के सैदवरही गांव स्थित देवी स्थान पर बाल विवाह की रोकथाम और ड्रॉपआउट मुक्त पंचायत की दिशा में गांधी फेलो इश्वर पाल की पहल पर एक महत्वपूर्ण सामुदायिक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, वीआरपी पूनम कुमारी सहित अन्य ग्रामीणों ने सक्रिय भागीदारी की. बैठक का उद्देश्य बाल विवाह पर अंकुश लगाना और शिक्षा से वंचित बच्चों को फिर से मुख्यधारा में जोड़ना था. चर्चा के दौरान ग्रामीणों और समूह की महिलाओं ने बताया कि खराब आर्थिक स्थिति तथा छात्रवृत्ति समय पर नहीं मिलने की वजह से कई छात्राएं स्कूल छोड़ देती हैं. वहीं, कुछ मामलों में छात्राओं की रुचि में कमी भी कारण बनती है. गांधी फेलो इश्वर पाल ने कहा कि इन सामाजिक समस्याओं का समाधान केवल सामूहिक भागीदारी और सशक्त जनआंदोलन के माध्यम से ही संभव है. उन्होंने उपस्थित लोगों से इस दिशा में सक्रिय सहयोग की अपील की. इस अवसर पर इश्वर पाल ने चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी (सीपीसी) की भूमिका पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि यह समिति जिला से लेकर वार्ड स्तर तक गठित की जाती है, जिसका मुख्य कार्य वंचित बच्चों की पहचान, स्कूल नामांकन सुनिश्चित करना, बाल श्रम व प्रवासन रोकना, और बाल विवाह व तस्करी जैसे विषयों पर समुदाय को जागरूक करना होता है. उन्होंने जानकारी दी कि पंचायत स्तर पर मुखिया सीपीसी के अध्यक्ष होते हैं, जबकि वार्ड स्तर पर वार्ड सदस्य इसकी अध्यक्षता करते हैं. बैठक के अंत में स्वयं सहायता समूह की आंतरिक समस्याओं पर भी चर्चा की गई. वीआरपी पूनम कुमारी ने बताया कि कई जीविका सदस्य समय पर पैसे जमा नहीं करते, जिससे वित्तीय गतिविधियों में कठिनाई आती है. साथ ही समूहों में 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं अब भी बनी हुई हैं, जिन्हें नियमानुसार हटाया जाना चाहिए. महिलाओं की कम उपस्थिति भी चिंता का विषय बनी हुई है. बैठक के माध्यम से गांववासियों को बाल विवाह और ड्रॉपआउट जैसे मुद्दों पर जागरूक कर उन्हें सामाजिक बदलाव का भागीदार बनने के लिए प्रेरित किया गया.
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