बिहारशरीफ. सरमेरा थाना क्षेत्र में हुई भीषण सड़क दुर्घटना, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गयी थी. जिसको लेकर सोमवार को जिला स्तरीय संयुक्त जांच दल ने घटनास्थल का निरीक्षण किया. जांच टीम में ट्रैफिक डीएसपी मो खुर्शीद आलम, सरमेरा थानाध्यक्ष साकेन्द्र बिंद, मोटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) राजीव रंजन, आरसीडी के असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर तथा जिला रोलआउट प्रबंधक तनवीर आलम शामिल थे. टीम ने दुर्घटनाग्रस्त वाहन, सड़क की स्थिति, मोड़, संकेतक, तथा दृश्यता जैसी तमाम तकनीकी बिंदुओं की गहराई से पड़ताल की. जांच का उद्देश्य यह पता लगाना है कि आखिर दुर्घटना किन कारणों से हुई. सड़क की खामी, वाहन की गति, चालक की गलती या अन्य कोई तकनीकी कारण. जांच रिपोर्ट के आधार पर भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी सुधार किये जायेंगे. इस बीच पटना स्थित बिहार सड़क सुरक्षा परिषद ने सभी जिलों को पत्र जारी कर सड़क हादसों की जांच अब संशोधित नए प्रपत्र के आधार पर करने का निर्देश दिया है. यह कदम मोटरवाहन अधिनियम, 1988 (संशोधित – 2019) की धारा 135 के तहत उठाया गया है. नियम के अनुसार, ऐसी दुर्घटनाएं जिनमें तीन या उससे अधिक लोगों की मृत्यु या गंभीर रूप से घायल होने की स्थिति बनती है, उनमें पुलिस, परिवहन और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा वैज्ञानिक तरीके से जांच की जाती है. बिहार सरकार ने 24 दिसंबर 2019 को इस योजना को गजट अधिसूचना के माध्यम से लागू किया था. पहले इसके लिए 40 बिंदुओं वाला एक मानक प्रपत्र प्रयोग किया जाता था, जिसे अब और प्रभावी बनाते हुए संशोधित कर दिया गया है. नये निर्देशों के बाद सभी जिलों में सड़क दुर्घटनाओं की जांच के लिए गठित संयुक्त जांच दल अब नये प्रारूप का पालन करते हुए दुर्घटना की रिपोर्ट तैयार करेंगे. इससे दुर्घटना के वास्तविक कारणों की सटीक पहचान हो सकेगी और राज्य में सड़क सुरक्षा को लेकर ठोस कदम उठाए जा सकेंगे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है