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biharsharif news : जिले में आधे से अधिक आधार सेंटर का आइडी ब्लाॅक

biharsharif news : प्रशासन ने की जिला समन्वयक की शिकायत, पर नहीं हुई कार्रवाई, 34 में सिर्फ 16 प्रखंड कार्यालयों में ही एक्टिव है आधार सेंटर, जिला मुख्यालय, अनुमंडल, नगर निगम, डाक विभाग से लेकर अधिकांश बैंक में बंद पड़ा है आधार सेंटर

बिहारशरीफ. जिले में आधा से अधिक आधार सेंटर का आइडी ब्लॉक हो गया है. वर्तमान में 34 में से सिर्फ 16 आधार सेंटर एक्टिव है. जिला मुख्यालय से लेकर सभी प्रखंड कार्यालय, अनुमंडल कार्यालय, नगर निगम, डाक विभाग से लेकर अधिकांश बैंक कार्यालयों में भी आधार कार्ड नहीं बन रहे. अभी नामांकन और सरकारी योजनाओं का सीजन चल रहा है. राशन कार्ड केवाइसी, पीएम आवास सर्वेक्षण से लेकर अन्य सभी योजनाओं में आधार नंबर की अनिवार्यता कर दी गयी है. फिलहाल बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए अभिभावक चिंतित दिख रहे हैं. गिरियक, कतरीसराय, परवलपुर और थरथरी प्रखंड में कई माह से आधार सेंटर बंद चल रहे है़ आधार सेंटर के जिला समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई का पत्र लिखने के बावजूद कंपनी कोई पहल नहीं कर रही है. डीआरडीए कार्यालय, सदर अनुमंडल कार्यालय, डाक कार्यालय, नगर निगम समेत कई जिला व अनुमंडलस्तरीय कार्यालय का आधार सेंटर का आइडी महीनों से ब्लॉक है. प्रशासन ने आधार सेंटरों के बीच सही से समन्वय नहीं रखने के आरोप में तीन माह पहले ही जिला समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र तक लिख चुका है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

प्रखंडवार आधार सेंटर संचालक

अस्थावां : त्रिभुज कुमार

नगरनौसा : मंटू कुमारकरायपरसुराय : धीरज कुमार

बिंद : गुलशन कुमारसिलाव : सुनील कुमार

चंडी : चंदन कुमारबेन : विकास कुमार

एकंगसराय : सूरज कुमारराजगीर : अजीत कुमार

हिलसा : फुलो कुमारीइस्लामपुर : ललन कुमार

बिहाशरीफ : राजेश कुमारहरनौत : सतीश कुमार

रहुई : कारू कुमारनूरसराय : नीरज कुमार

सरमेरा : बबलु कुमार

आधार सेंटर ब्लॉक होने के कारण

आधार सेंटर संचालक के आइडी ब्लॉक करने के कई कारण बताये जा रहे हैं, जिसमें मुख्य कारण कुछ आधार सेंटर संचालकों ने फर्जी जन्म प्रमाण या गलत कागज से आधार कार्ड बनाने का मामला यूआइडीएआइ के संज्ञान में आया था. इसपर यूआइडीएआइ ने संबंधित संचालक का आइडी ब्लॉक कर दिया है. हालांकि पहले से भी कुछ आधार सेंटर संचालकों द्वारा पैसा लेकर आधार कार्ड बनाने की शिकायत मिल रही है. इस मामले में एक आधार ऑपरेटर का कहना है कि कुछ शातिर लोग अभिभावकों को फंसा रहे थे. ये लोग अभिभावकों से पैसे लेकर उन्हें फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मुहैया करा रहे थे. इस फर्जीवाड़े के कारण पूरा सिस्टम बर्बाद हो गया है. उन्होंने बताया कि अभिभावकों से सात-सात हजार रुपये लेकर एक खास सॉफ्टवेयर के जरिये फर्जी जन्म प्रमाणपत्र उपलब्ध करा दिया जाता है. इसकी पूरी जांच किये बिना आधार कार्ड बनाने में संचालक का आइडी ब्लॉक कर दिया गया.

क्या कहते हैं अधिकारी

आधार सेंटर के नालंदा नोडल पदाधिकारी अजीत कुमार प्रसाद ने कहा कि बहुत से आधार सेंटर संचालकों का आइडी ब्लॉक किया गया है. ऐसे चिह्नित कार्यालयों में दोबारा आधार सेंटर संचालन के लिए पत्र लिखा गया है. आधार सेंटर संचालकों की देखरेख करने के लिए जिला समन्वयक बहाल हैं, लेकिन वह नहीं आते हैं. ऐसे आधार जिला समन्वयक के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूआइडीएआइ को पत्र लिखा गया है.

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