बिहारशरीफ. मंगलवार को बिहारशरीफ स्थित मॉडल अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने व्यवस्थागत लापरवाही पर कड़ा ऐतराज जताया. विशेषकर दवा काउंटर पर महिलाओं की लंबी कतारें देख वे नाराज हो उठे और अस्पताल प्रशासन को जमकर फटकार लगायी. डॉ सिंह ने कहा कि दवा वितरण प्रणाली को लेकर पूर्व में ही निर्देश दिए गए थे कि एक अतिरिक्त काउंटर शुरू किया जाये, लेकिन इसपर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, जो घोर लापरवाही है. उन्होंने चेतावनी दी कि अब ऐसी उदासीनता बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
अब होंगे तीन दवा काउंटर, महिलाओं को प्राथमिकता :
सिविल सर्जन ने निर्देश दिया कि अब अस्पताल परिसर में तीन दवा काउंटर चालू रहेंगे. दो काउंटर सिर्फ महिलाओं के लिए एवं एक काउंटर पुरुषों के लिए उन्होंने कहा कि महिला मरीजों की संख्या अधिक होती है और वे अक्सर दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आती हैं. कई बार उनके साथ छोटे बच्चे भी होते हैं, ऐसे में घंटों कतार में खड़ा रहना उनके लिए शारीरिक और मानसिक रूप से कष्टदायक होता है. डॉ सिंह ने विशेषकर गर्भवती महिलाओं और सामान्य बीमारियों से पीड़ित महिला मरीजों की समस्याओं को समझते हुए कहा अस्पताल को महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी होना होगा.स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही नहीं चलेगी : निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन ने अन्य कई खामियों को भी चिह्नित किया और सुधार के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का स्तर ऊंचा हो, यह सभी की प्राथमिक जिम्मेदारी है. मरीजों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े, इसके लिए व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त किया जाये.ऑफलाइन पर्ची व्यवस्था का भी आदेश : डॉ सिंह ने यह भी निर्देश दिया कि मेडिकल फिटनेस बनवाने के लिए आने वाले अभ्यर्थियों को पर्ची कटवाने में कोई परेशानी न हो. इसके लिए अस्पताल में ऑफलाइन पर्चा काटने की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये, ताकि तकनीकी दिक्कतों की स्थिति में किसी को स्वास्थ्य सेवा से वंचित न होना पड़े.निर्देशों का कड़ाई से पालन अनिवार्य : निरीक्षण के अंत में सिविल सर्जन ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगले निरीक्षण से पहले सभी निर्देशों का पूर्ण अनुपालन अनिवार्य है, अन्यथा जिम्मेदार कर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है. लेकिन अगर जमीनी स्तर पर लापरवाही हुई तो सरकार की सारी कोशिशें निरर्थक साबित होंगी. अस्पताल प्रशासन को आमजन की सुविधा के अनुसार कार्य करना चाहिए, न कि केवल खानापूर्ति के तहत.
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