ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खेत की मिट्टी समवेदक द्वारा बिना अनुमति के काटी गयी और उसे रेलवे में बेचा गया, परंतु उस गड्ढे को भरा नहीं गया, न ही कोई चेतावनी बोर्ड लगाया गया. यह पूरी घटना प्रशासनिक उदासीनता और ठेकेदारों की मनमानी का भयावह उदाहरण है. दोषियों पर ग्रामीण कड़ी कार्रवाई मांग कर रहे हैं. अगर समय रहते गड्ढे को भरवा दिया गया होता या फिर कोई चेतावनी चिन्ह लगाए गए होते तो यह हादसा नहीं होता.
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